नीरव को सूचना लीक होने से CBI का इन्कार
सीबीआइ का कहना है कि जांच में नीरव से किसी तरह का संपर्क नहीं मिला।
नई दिल्ली(प्रेट्र)। 17 मई को अपनी बैंकिंग फ्राड डिवीजन की मेल ठप होने और इसके मुखिया को वापस त्रिपुरा भेजने पर सीबीआइ का कहना है कि जांच में नीरव से किसी तरह का संपर्क नहीं मिला।
सिस्टम में मालवेयर (वायरस) होने पर तीन कंप्यूटरों की जांच कराई गई थी, लेकिन उसमें ऐसा कुछ नहीं मिला, जिसमें सूचनाओं के लीक होने की पुष्टि हो रही हो।
डिवीजन बैंकिंग फ्राड डिवीजन भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का मामला देख रही थी। गौरतलब है कि कुछ चैनलों पर इस आशय की खबर दिखाई जा रही थीं कि सीबीआइ ने खुद सूचनाएं लीक कीं।
एजेंसी का कहना है कि वो सारी खबरें गलत हैं। सूत्रों का कहना है कि डिवीजन के प्रमुख संयुक्त निदेशक राजीव सिंह का तबादला उनके होम कैडर त्रिपुरा में कर दिया गया है और जिस मेल की जांच कराई गई वो उनकी थी।
एजेंसी के सिस्टम की देखरेख नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) करता है। उसके पास डिवीजन के तीन कंप्यूटर जांच के लिए ले जाए गए थे।
उनमें पता चला था कि एक कंप्यूटर की ईमेल से तीस हजार बल्क मेल भेजे गए। थोड़ी देर के लिए यह अकाउंट ठप भी किया गया। एक खास ईमेल आइडी से ये सारे मेल किए गए थे।
मामले का सुर्खियों में आना तय था, क्योंकि नीरव मोदी बैंकों को 13 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हुआ है और संदेह जताया जा रहा है कि किसी ने भीतर से उसकी मदद की।
ऐसे में सीबीआइ की उसी विंग के अधिकारी की खास मेल आइडी होना मामले को संदेहास्पद बनाता है। उसके बाद उनका अपने होम कैडर में वापस तबादला भी दर्शाता है कि दाल में कुछ काला है?