Rakesh Asthana Case: CBI ने राकेश अस्थाना मामले में मांगा और समय
Rakesh Asthana Case अस्थाना पर मनी लांड्रिंग के एक मामले में मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से मामले का निपटारा करने के लिए घूस लेने का आरोप है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) मामले में और समय देने के CBI के आवेदन पर दिल्ली हाई कोर्ट 9 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने CBI को मामले की जांच के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था।
घूस और मनी लांड्रिंग का दर्ज है मामला
अक्टूबर 2018 में CBI ने राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने का केस दर्ज किया था। अस्थाना पर मनी लांड्रिंग के एक मामले में मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से मामले का निपटारा करने के लिए घूस लेने का आरोप लगाया गया था।
हैदराबाद के सतीश बाबू सना की शिकायत के बाद राकेश अस्थाना, देवेंद्र और दो अन्य मनोज प्रसाद और सोमेश्वर प्रसाद के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी।
पूर्व CBI निदेशक आलोक वर्मा पर भी रिश्वत लेने का आरोप
आरोप था कि दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत ली गई थी। यह विवाद इतना बढ़ गया था कि राकेश अस्थाना ने तत्कालीन सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। अंत में आलोक वर्मा को CBI निदेशक पद से हाथ धोना पड़ा था।
बता दें कि CBI ने पिछले साल 15 अक्टूबर को राकेश अस्थाना के खिलाफ FIR दर्ज की थी। उन पर एक आरोपित से राहत देने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप था। पूर्व सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और अस्थाना द्वारा एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद पिछले साल 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने देर रात दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था। उसी रात ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव को केंद्र ने एजेंसी का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया था।
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