एंट्रिक्स सौदा मामले में सीबीआइ ने चार देशों को भेजे न्यायिक अनुरोध पत्र
यह मामला इनसेट की प्रतिबंधित वेवलेंथ 'एस-बैंड' की लीज से जुड़ा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। एंट्रिक्स-देवास सौदे में कथित भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने चार देशों को न्यायिक अनुरोध पत्र (लैटर्स रोगेटरी) भेजे हैं। यह चार देश हैं- फ्रांस, अमेरिका, मॉरीशस और सिंगापुर।
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी देवास मल्टीमीडिया और उसकी मूल कंपनी के विवरण, वित्तीय जानकारियां और सिंगापुर व मॉरीशस के रास्ते कथित निवेश की जानकारी हासिल करना चाहती है। देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड में चार कंपनियों के मार्फत 13 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश सीबीआइ के रडार पर है। इन कंपनियों में एक सिंगापुर की और तीन मॉरीशस की हैं।
यह मामला इनसेट की प्रतिबंधित वेवलेंथ 'एस-बैंड' की लीज से जुड़ा है। इसे सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी 'इसरो' की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स ने देवास मल्टीमीडिया को लीज पर दिया था। एफआइआर के मुताबिक, यह लीज नियमों का उल्लंघन कर दी गई थी जिसकी वजह से देवास मल्टीमीडिया को 578 करोड़ रुपये का फायदा और सरकार को इतनी ही राशि का नुकसान हुआ। सीबीआइ ने पिछले साल इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था।
बता दें कि लैटर्स रोगेटरी (एलआर) जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालत द्वारा तब जारी किया जाता है जब उसे किसी अन्य देश से कोई जानकारी हासिल करनी होती है। अदालत जब एलआर जारी कर देती है तो उसे कूटनीतिक माध्यमों के जरिये संबंधित देश की अदालत को सौंपा जाता है। इसके बाद संबंधित देश की अदालत उस देश की जांच एजेंसी को मांगी गई जानकारी जुटाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दे सकती है।
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