सीबीआइ ने राज्यों को फिशिंग सॉफ्टवेयर के बारे में किया अलर्ट, स्मार्ट फोन रखने वाले हो जाएं सावधान
सीबीआइ के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि साइबर अपराधी कोविड-19 के नाम पर फिशिंग सॉफ्टवेयर के लिंक एसएमएस के जरिये स्मार्टफोन यूजर को भेज रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अगर आप स्मार्टफोन के जरिये ऑनलाइन बैंकिंग आदि सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो कोई भी अंजान लिंक खोलने से पहले आपको सतर्क रहने की जरूरत है। वह एक फिशिंग सॉफ्टवेयर हो सकता है, जिसके जरिये हैकर आपके फोन का गोपनीय डाटा चुराने के साथ ही बैंक खाते से रुपये भी उड़ा सकते हैं। ऐसे ही एक फिशिंग सॉफ्टवेयर सरबेरस के बारे में इंटरपोल की सूचना के आधार पर सीबीआइ ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों को आगाह किया है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि साइबर अपराधी कोविड-19 के नाम पर फिशिंग सॉफ्टवेयर के लिंक एसएमएस के जरिये स्मार्टफोन यूजर को भेज रहे हैं। सरबेरस भी इनमें से एक है। इस लिंक को लोगों से डाउनलोड करने की अपील की जा रही है। ऐसा करने पर स्मार्टफोन पर फिशिंग अटैक हो जाता है और हैकर वित्तीय लेनदेन से जुड़ा डाटा चुरा लेते हैं। इनमें क्रेडिट कार्ड नंबर से लेकर पिनकोड तक शामिल है। इसके बाद ये हैकर आपके बैंक खाता खंगाल सकते हैं और अन्य वित्तीय लेनदेन को भी प्रभावित कर सकते हैं।
एनफसी फीचर के जरिए भी फोन किया जा रहा हैक
बता दें कि स्मार्टफोन यूजर्स पर हैकर्स का खतरा हमेशा बना रहता है। हैकर्स तरह के तरीके निकलते हैं जिससे वो स्मार्टफोन यूजर्स की निजी जानकारी हैक कर सकें। इसमें सबसे बड़ी चिंता यह है कि हैकर्स इनमें कामयाब भी हो रहे हैं। काफी समय से यूजर्स की निजी जानकारी को हैक किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, अब फोन का NFC फीचर हैकर्स की फोन हैक करने में मदद कर रहा है। देखा जाए तो यह फीचर ज्यादा लोग इस्तेमाल नहीं करते हैं लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि यूजर्स मालवेयर अटैक से बचा नहीं जा सकता है।
NFC के जरिए यूजर्स दो डिवाइसेज के बीच फाइल्स, वीडियो, फोटो और ऐप्स को शेयर कर सकते हैं। इसी को हैकर्स ने अपना नया हथियार बनाया है। इस फीचर के तहत हैकर्स मिनटों में ही आपके फोन में मालवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं। आपको बता दें कि इस फीचर का इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस पेमेंट सर्विस के तौर पर ज्यादा किया जाता है।