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ट्रेन में बिल न देने पर मुफ्त में देना पड़ेगा खाना: पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने कहा कि खाने की गुणवत्ता और कीमतों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 12 Apr 2018 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 02:51 PM (IST)
ट्रेन में बिल न देने पर मुफ्त में देना पड़ेगा खाना: पीयूष गोयल
ट्रेन में बिल न देने पर मुफ्त में देना पड़ेगा खाना: पीयूष गोयल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेलवे का कोई कैटरर यदि ग्राहक को खाने का बिल नहीं देता तो उसे मुफ्त में खाना देना पड़ेगा। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कैटरिंग फर्मो के साथ चर्चा में ये बात स्पष्ट की।

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ठाणे में अनशन के दौरान रेल भवन में मौजूद कैटरिंग ठेकेदारों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के मार्फत संबोधित करते हुए गुरुवार को गोयल ने कहा कि खाने की गुणवत्ता और कीमतों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही इन दोनों मामलों से अलग-अलग ढंग से निपटा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही व्यंजन संख्या में कम हों, मगर उनकी गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिए। इसी प्रकार प्रत्येक ठेकेदार के लिए खाने का मेन्यू तथा बिल देना अनिवार्य है। बिल न देने पर खाने का मूल्य वसूलने का कोई अधिकार नहीं होगा। उन्होंने बिल भुगतान रसीद बनाने के लिए कैटरिंग सर्विस कर्मियों को पीओएस मशीने देने के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया।

गोयल ने रेलवे बोर्ड अफसरों को भी कुछ निर्देश दिए। मसलन, उन्होंने कैटरिंग दरों का मास्टर प्लान बनाने के अलावा बीच में कैटरिंग अनुबंध तोड़ने के इच्छुक कैटरर्स के लिए एक्जिट पॉलिसी तैयार करने को कहा है। यही नहीं, उन्होंने ऐसे कैटरिंग कर्मियों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश भी दिए हैं जो यात्रियों से टिप वसूलते हैं। उन्होंने टिप सिस्टम को रेलवे से पूरी तरह समाप्त करने पर जोर दिया। गोयल का कहना था कि यात्रियों की ओर से की जाने वाली सभी शिकायतों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त ठेकेदारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर उन्हें उसकी जानकारी दी जानी चाहिए।

रेलमंत्री ने पैंट्री कारों में कॉक्रोच तथा चूहों के सफाये के बारे में नियमावली तथा मानक प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे में कैटरिंग फर्मो के कार्टेल को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गोयल ने पैंट्री कारों की बार-बार की विफलता को देखते हुए इनकी निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार करने को कहा है।


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