नोटबंदी में जमा की गई नकदी का देना होगा रिटर्न में ब्योरा
आयकर विभाग की तरफ से जारी हुआ आयकर रिटर्न फॉर्म मात्र एक पेज का है। पहले के मुकाबले यह ज्यादा सरल और सहज है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : अगर नोटबंदी की अवधि के दौरान अपने बैंक खाते में दो लाख रुपये से अधिक की राशि जमा की है तो आपको इस वर्ष आयकर रिटर्न दाखिल करते वक्त इसका ब्योरा देना होगा। सरकार ने साल 2017-18 के असेसमेंट वर्ष के लिए आयकर रिटर्न का नया फॉर्म 'सहज' जारी किया है। इसमें इसका प्रावधान रखा गया है। साथ ही रिटर्न फाइल करने वालों को अपना आधार नंबर भी देना होगा।
आयकर विभाग की तरफ से जारी हुआ आयकर रिटर्न फॉर्म मात्र एक पेज का है। पहले के मुकाबले यह ज्यादा सरल और सहज है। जिन लोगों की सालाना आय 50 लाख रुपये तक की है, उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए इसी फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा। अभी सहज आइटीआर 1 का इस्तेमाल वेतनभोगी करते हैं। व्यक्तिगत अथवा हिंदू अविभाजित परिवार के रूप में आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आइटीआर 2 का इस्तेमाल किया जाता है।
आयकर विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद नौ नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के दौरान बैंक खातों में पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोटों के रूप में जमा की गई राशि का उल्लेख आयकर रिटर्न में करना होगा। लेकिन यह शर्त केवल उन्हीं लोगों पर लागू होगी जिन्होंने इस 50 दिन की अवधि में दो लाख रुपये से अधिक जमा किए थे।
इस वर्ष से आयकर रिटर्न दाखिल करने पर पैन संख्या के साथ लोगों को अपनी 12 अंकों वाली आधार संख्या को भी फॉर्म में भरना होगा। आधार का कॉलम पिछले साल के फॉर्म में भी था। लेकिन इस वर्ष सरकार ने वित्त विधेयक के जरिये आयकर अधिनियम में संशोधन कर रिटर्न दाखिल करने के लिए इसका उल्लेख अनिवार्य कर दिया है। आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग पहली अप्रैल से शुरू हो जाएगी। लोग 31 जुलाई तक साल 2017-18 के असेसमेंट वर्ष के लिए रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इस वर्ष से रिटर्न दाखिल करने वाले आइटीआर फॉर्मो की संख्या अब नौ से घटकर सात रह गई है।