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पूर्वोत्तर के दो राज्यों में पहली बार कोरोना वायरस के पाए गए डेल्टा वैरिएंट के मामले

पूर्वोत्तर के दो राज्यों मणिपुर और मिजोरम में पहली बार कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के मामले पाए गए हैं। दोनों राज्यों ने लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है। मिजोरम में डेल्टा वैरिएंट के चार मामले पाए गए हैं। ये चारों पुरुष हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 12:08 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 12:08 AM (IST)
पूर्वोत्तर के दो राज्यों में पहली बार कोरोना वायरस के पाए गए डेल्टा वैरिएंट के मामले
मिजोरम में डेल्टा वैरिएंट के चार मामले पाए गए हैं। ये चारों पुरुष हैं।

इंफाल, आइएएनएस। पूर्वोत्तर के दो राज्यों मणिपुर और मिजोरम में पहली बार कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के मामले पाए गए हैं। दोनों राज्यों ने लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है।

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मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा- डेल्टा वैरिएंट के चलते राज्य में संक्रमण का तेज प्रसार चिंता का कारण

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य के 20 नमूनों की हैदराबाद की प्रयोगशाला में जांच की गई थी, जिसमें से 18 मामले डेल्टा वैरिएंट के मिले हैं। उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के चलते राज्य में संक्रमण का तेज प्रसार चिंता का कारण है। उन्होंने लोगों से कोरोना से बचाव के उपायों का पालन करने का आग्रह किया।

मिजोरम में डेल्टा वैरिएंट के चार मामले पाए गए

वहीं, आइजल में अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम में डेल्टा वैरिएंट के चार मामले पाए गए हैं। ये चारों पुरुष हैं और आइजल जिले के ही रहने वाले हैं। इनमें से तीन ने बाहर की यात्रा की थी, जबकि चौथा व्यक्ति स्थानीय स्तर पर ही इसके संपर्क में आया है। राज्य सरकार जांच के लिए सौ नमूने और बंगाल के कल्याणी स्थित लैब भेजने वाली है। डेल्टा वैरिएंट को शुरू में डबल म्यूटेंट के नाम जाना गया था।

पूर्वोत्तर के किसानों की मदद के लिए कदम उठाएगी सरकार

केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में लघु एवं सीमांत किसानों, खास तौर से महिलाओं तक लाभ पहुंचाने के लिए खेतों को नवीन कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में काम करेगी। यह कदम सरकार अपने 'बायोटेक-किसान कार्यक्रम' के तहत उठाएगी। विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने बताया कि बायोटेक्नोलाजी विभाग ने अपने कार्यक्रम के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक विशेष पहल की शुरुआत की है। स्थानीय किसानों के मुद्दों को समझा जा सकेगा और उनकी समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान निकाला जा सकेगा।

क्षेत्र की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर

मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा पहल खास तौर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र पर केंद्रित है, क्योंकि इस क्षेत्र की बड़ी आबादी पहले से ही कृषि पर निर्भर है। यहां कुल श्रमबल का 70 फीसद आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र या उससे जुड़े क्षेत्र में काम करता है।मंत्रालय ने कहा कि पूर्वोत्तर में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आय को बढ़ाने की संभावनाओं पर काफी काम किया जाना है। इस क्षेत्र में स्थान आधारित विशेष फसल को बढ़ावा देकर, बागवानी और पेड़ों से आय, मत्स्य एवं पशु उत्पादन संबंधी क्षेत्रों को बढ़ावा देना शामिल है।


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