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केंद्रीय कोयला मंत्री के खिलाफ परिवाद दर्ज

सामाजिक संस्था लक्ष्य की सचिव अनीता दुआ ने बुधवार को केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट एनके पांडेय की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री का बयान महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। मामले पर अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को होगी।

By Edited By: Published: Wed, 03 Oct 2012 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2012 08:29 PM (IST)
केंद्रीय कोयला मंत्री के खिलाफ परिवाद दर्ज

कानपुर [जागरण संवाददाता]। सामाजिक संस्था लक्ष्य की सचिव अनीता दुआ ने बुधवार को केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट एनके पांडेय की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री का बयान महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। मामले पर अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को होगी।

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लक्ष्य की सचिव ने प्रार्थना पत्र में केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का वह बयान पढ़ा जिसमें उन्होंने 'पत्‍‌नी पुरानी हो जाती है तो वह मजा नहीं रहता' कहा था। केंद्रीय मंत्री ने 30 सितंबर 2010 को अपने जन्मदिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान दिए भाषण में यह बात कही थी। इस बयान के बाद उनकी संस्था लक्ष्य की दो महिला सदस्यों का जीवन दूषित हो गया। उनके पतियों ने उन्हें छोड़ दिया और दूसरी महिलाओं से अनैतिक संबंध बना लिए। केंद्र सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री होने के नाते हर नागरिक के सम्मान की रक्षा उनका संवैधानिक दायित्व है लेकिन उन्होंने ऐसा न कर महिलाओं का अपमान किया है। उन्होंने अदालत से केंद्रीय मंत्री को कठोर दंड दिए जाने की प्रार्थना की।

अदालत ने अनीता दुआ के बयान दर्ज किए। मामले में मंत्री द्वारा दिए भाषण की सीडी दाखिल करने के लिए समय मांगा गया है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए आठ अक्टूबर की तारीख तय की है।

इन धाराओं में लगे आरोप

आइपीसी की धारा 294

क- किसी लोक स्थान में कोई अश्लील कार्य करेगा अथवा

ख- किसी लोक स्थान में या उसके समीप कोई अश्लील गाने या शब्द गाएगा, सुनाएगा या उच्चारित करेगा जिससे दूसरों को क्षोभ हो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि तीन मास तक हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।

आइपीसी की धारा 500

-जब कोई व्यक्ति कोई ऐसा कथन कारित करता है जिससे किसी व्यक्ति विशेष का या किसी समुदाय का या किसी समुदाय या समूह से संबद्ध किसी सदस्य का अपमान होता है तो वह अपराध मानहानि का अपराध होगा। दोषी पाए जाने पर व्यक्ति दो वर्ष के कठोर कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

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