हर हर मोदी नारे से बढ़ीं मोदी की मुश्किलें
हर हर मोदी, घर घर मोदी नारे से उपजे विवाद को लेकर वाराणसी की एक अदालत में मोदी और अमित शाह समेत कई भाजपा नेताओं के खिलाफ हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के आरोप में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसकी सुनवाई 3 अप्रैल को होगी। सीजेएम उदयभान सिंह की अदालत में सोमवार को दायर इस याचिका के माध्यम से भाजपा नेता
लखनऊ। हर हर मोदी, घर घर मोदी नारे से उपजे विवाद को लेकर वाराणसी की एक अदालत में मोदी और अमित शाह समेत कई भाजपा नेताओं के खिलाफ हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के आरोप में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसकी सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।
सीजेएम उदयभान सिंह की अदालत में सोमवार को दायर इस याचिका के माध्यम से भाजपा नेता नरेंद्र मोदी, वाराणसी के महापौर रामगोपाल मोहले और अमित शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के मांग की गई है। वाराणसी के खरोना राजातालाब निवासी अधिवक्ता मनोज दुबे ने याचिका में काशी की जनता की आहत आस्था व जनभावना को दृष्टिगत आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अपील की है। इसमें कहा गया है कि देवाधिदेव काशी नगरी, महापुरुषों की जन्म व कर्मस्थली रही है। हर हर महादेव, घर घर महादेव, कण कण महादेव का स्वरूप विकृत कर हर हर मोदी, घर घर मोदी का नारा चुनावी फायदे के लिए लगाया जा रहा है। हिंदू के साथ अन्य धर्म में आस्था रखने वालों के देवाधिदेव महादेव आराध्य हैं। इससे धार्मिक आस्था व भावना को गहरा आघात लगा है। जयकारे को कूटरचित, सुनियोजित साजिश के तहत धार्मिक अभिलेखों में धोखाधड़ी, छल कर चुराने का भी आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता ने मामले की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त व चुनाव आयोग को भी दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर याचिका दाखिल की।
नारा नहीं छोड़ने वाले भाजपाई
भाजपा के लोग भी हर हर मोदी नारे को छोड़ना नहीं चाहते। वह इसे किसी न किसी रूप में चुनाव प्रचार के दौरान भुनाने में पीछे नहीं रहेंगे। इसी क्रम में पूर्वाचल के कुछ जिलों में नारे को बदले रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है। गोरखपुर में समर्थकों ने इस नारे को अब 'हर नर मोदी, हर घर मोदी' के रूप में गढ़ लिया है। उल्लेखनीय है कि द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विरोध के बाद भाजपा ने 'हर हर मोदी घर घर मोदी' के नारे के उपयोग से तौबा कर ली थी लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक इस नारे से बेहद प्रभावित हैं।
'हर हर मोदी' नारे की उत्पत्ति
वाराणसी की विजय शंखनाद रैली से में 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' का नारा पहली बार गूंजा और तेजी से चर्चा में आ गया। यह इतना लोकप्रिय हुआ कि विपक्षी पार्टियों ने भगवान शंकर से मोदी की तुलना करने का आरोप लगा इसकी आलोचना शुरू कर दी। विवाद तब अधिक बढ़ गया जब शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी इसके विरोध में उतर आए। इसके बाद भाजपा ने इस नारे से पल्ला झाड़ा और नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से इसका प्रयोग न करने की अपील की।
विकल्प अनेक लय सिर्फ एक
मोदी की अपील के बाद समर्थक इस नारे का अपने-अपने तरीके से विकल्प तैयार कर रहे हैं। गोरखपुर के डा. आनंद अग्रवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर नया नारा- 'हर नर मोदी, हर घर मोदी' गढ़ा है। इस नारे को एसएमएस, ह्वाट्सएप सहित विभिन्न माध्यमों से प्रसारित किया जा रहा है। इसकी शब्दिक व्याख्या भी की गई है। नर का आशय सिर्फ पुरुष से नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक है। इसके अलावा 'मेरे मोदी, तेरे मोदी, सबके मोदी, घर घर मोदी' का नारा भी बनाया गया है। वह 'हर हर मोदी घर घर मोदी' के नारे से बेहद प्रभावित हैं, इसलिए चाहते हैं कि उस नारे का स्वर बना रहे। नए नारे में शब्द बदल दिए गए हैं लेकिन उसकी लय पहले जैसी है। कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसकी होर्डिग बनाने की भी तैयारी की है। यही नहीं क्षेत्रीय स्तर पर इस नारे को लोग अपने अपने अंदाज में बदलकर उपयोग में ला रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से संबंधित समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।