हैदराबाद और राजस्थान में होगी श्रीराम मंदिर के द्वारों की नक्काशी, तैयार खिड़की-दरवाजे भेजे जाएंगे अयोध्या
महाराष्ट्र वन विकास निगम (एफडीसीएम) बल्लारपुर डिपो के सहायक प्रबंधक गणेश मोटकर के अनुसार श्रीराम मंदिर के लिए लकड़ियों का पूजन होने के बाद उन्हें आगे की प्रक्रिया के लिए पहले नागपुर भेजा जाएगा। वहां लकड़ियों को सुखाने का काम किया जाएगा।
चंद्रपुर, ओमप्रकाश तिवारी। अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्रीराम मंदिर के द्वारों एवं खिड़कियों के लिए लकड़ियों का काष्ठ पूजन होने के बाद इन लकड़ियों को नक्काशी के लिए हैदराबाद और राजस्थान भेजा जाएगा।
सागौन की लकड़ियों को आगे की प्रक्रिया के लिए नागपुर भेजा जाएगा
खिड़कियों-दरवाजों और चौखटों पर सुंदर नक्काशी के बाद तैयार स्वरूप में ही ये अयोध्या पहुंचेंगी। महाराष्ट्र वन विकास निगम (एफडीसीएम), बल्लारपुर डिपो के सहायक प्रबंधक गणेश मोटकर के अनुसार, श्रीराम मंदिर के लिए लकड़ियों का पूजन होने के बाद उन्हें आगे की प्रक्रिया के लिए पहले नागपुर भेजा जाएगा। वहां लकड़ियों को सुखाने का काम किया जाएगा।
नमी को कम करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगी नक्काशी
आमतौर पर सागौन की लकड़ियों में 20 से 30 प्रतिशत तक की नमी होती है। लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए नमी को 10 प्रतिशत तक लाना जरूरी होता है। नागपुर में यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद लकड़ियों को द्वार, चौखट और खिड़कियों के रूप में ढालने तथा उन पर नक्काशी के लिए हैदराबाद और राजस्थान भेजा जाएगा।
तैयार खिड़की-दरवाजे जाएंगे अयोध्या
महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के अनुसार, अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कर रही कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के अधिकारी समय-समय पर चंद्रपुर आकर मंदिर की जरूरत के अनुसार लकड़ियों की कटाई करवाते रहेंगे और उन्हीं की देखरेख में हैदराबाद एवं राजस्थान में लकड़ियों की नक्काशी का भी काम संपन्न होगा। उसके बाद ही तैयार खिड़की-दरवाजे अयोध्या ले जाए जाएंगे।
बता दें कि बुधवार शाम श्रीरामनवमी की पूर्व संध्या पर महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भव्य काष्ठपूजन समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के अलावा रामायण धारावाहिक में प्रभु राम, माता सीता एवं लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले क्रमश: अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया एवं सुनील लाहिरी सहित कई और विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे।