बैंकिंग की तैयारी कैसे करूं, पढ़िए कुछ इस तरह के उलझन भरे सवालों के जवाब
Digital Banking यदि आप बैंकिंग की तैयारी के प्रति गहरी रुचि रखती हैं और आगे इस फील्ड में अपनी जगह बनाना चाहती हैं तो आपको सामने बाहर जाने या तैयारी के लिए इंस्टीट्यूट ज्वाइन करने की आवश्यकता नहीं है।
नई दिल्ली। समुचित कोर्स के चयन या प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी को लेकर युवा अक्सर दुविधा में होते हैं। उन पर कई तरह के दबाव भी होते हैं। उन्हें कहीं से सही सलाह भी नहीं मिल पाती। युवाओं के ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं वरिष्ठ करियर काउंसलर अरुण श्रीवास्तव...
बीकाम के रूप में मेरा ग्रेजुएशन पूरा हो गया है। मैं अब बैंकिंग की तैयारी करना चाहती हूं, पर कभी बाहर नहीं गई। पास में बैंकिंग की तैयारी कराने वाला कोई इंस्टीट्यूट भी नहीं है। कृपया मुझे बताएं कि मैं किस तरह से तैयारी करूं?
-मुस्कान सिंह, बांदा (उप्र), ईमेल से
यदि आप बैंकिंग की तैयारी के प्रति गहरी रुचि रखती हैं और आगे इस फील्ड में अपनी जगह बनाना चाहती हैं, तो आपको सामने बाहर जाने या तैयारी के लिए इंस्टीट्यूट ज्वाइन करने की आवश्यकता नहीं है। आप अपने घर पर रहते हुए भी अपनी तैयारी को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकती हैं। इसके लिए आपको सिर्फ इंटरनेट की जरूरत होगी। इसके माध्यम से आप घर बैठे पीओ/बैंक क्लर्क/प्राइवेट बैंकों में अधिकारी/एग्जीक्यूटिव आदि पदों के लिए तैयारी कर सकती हैं। यदि राष्ट्रीयकृत बैंकों में पीओ/क्लर्क की तैयारी करना चाहती हैं, तो आइबीपीएस/एसबीआइ की वेबसाइट से सिलेबस और पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नपत्र हासिल कर सकती हैं। इसके बाद, सिलेबस के अनुसार तैयारी करें। जहां तक अध्ययन सामग्री और माक पेपर्स की बात है, तो इसे आप स्थानीय बाजार या फिर आनलाइन भी हासिल कर सकती हैं। तैयारी के साथ-साथ अभ्यास प्रश्नों को हल करने का भी खूब अभ्यास करें। अच्छी तरह तैयारी करने के बाद ही परीक्षा में सम्मिलित हों। जिस खंड में खुद को कमजोर महसूस करें, उस पर अधिक ध्यान दें। कुछ इंस्टीट्यूट आनलाइन गाइडेंस भी उपलब्ध कराते हैं। बहुत जरूरी होने पर उनसे सहायता ले सकती हैं।
मैं इस बात को लेकर दुविधा में हूं कि 11वीं में मुझे कामर्स लेना चाहिए या फिर साइंस-इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग? मैं आगे यूपीएससी की तैयारी करना चाहती हूं। मेरे घरवाले बोल रहे हैं कि साइंस लेने से यूपीएससी की तैयारी करना आसान हो जाता है।
-केशव जिंदल, ईमेल से
सबसे पहले तो आपको इस बात पर अच्छी तरह विचार कर लेना चाहिए कि आपका मन किस विषय में ज्यादा लगता है/लग सकता है। यदि आप रुचि न होने के बावजूद किसी तरह के दबाव में कोई स्ट्रीम/विषय ले लेते हैं, तो स्वाभाविक रूप से उसमें बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना कम होगी। वहीं यदि अपनी रुचि का विषय/स्ट्रीम चुनते हैं, तो निश्चित रूप से उसमें अच्छा प्रदर्शन करेंगे, चाहे वह कोई भी विषय हो। देखा जाए तो साइंस/आइआइटी पृष्ठभूमि के तमाम अभ्यर्थी भी यूपीएससी में आर्ट्स स्ट्रीम से संबंधित विषय (जैसे लोक प्रशासन, भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र आदि) लेकर कामयाबी हासिल करते रहे हैं।
मैं अंग्रेजी, समाजशास्त्र तथा हिंदी विषयों के साथ बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हूं। मैंने आइआइटी कानपुर से जापानी भाषा का सर्टिफिकेट कोर्स भी किया है। मैं इंडियन फारेन सर्विस में नौकरी करना चाहती हूं। इसके लिए मुझे क्या तैयारी करनी होगी? कृपया यह भी बताएं कि क्या मैं भारतीय उच्चायोग में किसी अन्य नौकरी के लिए भी तैयारी कर सकती हूं?
-शताक्षी त्रिवेदी, घाटमपुर, कानपुर, ईमेल से
इंडियन फारेन सर्विस (आइएफएस) की नौकरी के लिए आपको ग्रेजुएशन के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होना होगा। तीन चरणों की परीक्षा (प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार) के आधार पर आइएएस, आइपीएस की तरह आइएफएस में चयन होता है। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी ग्रेजुएशन के दौरान ही आरंभ की जा सकती है। जहां तक विभिन्न देशों में स्थित भारतीय उच्चायोग/दूतावास में कनिष्ठ पद (असिस्टेंट, स्टेनोग्राफर आदि) पर नौकरी की बात है, तो इसके लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल एग्जाम दिया जा सकता है। वैसे जापानी भाषा का कोर्स करने के बाद आपके पास जापानी कंपनियों, जापान के लिए सेवा प्रदान कर रही कंपनियों के साथ-साथ जापान में भी काम के भरपूर अवसर हैं। अच्छी बात यह है कि जापान भारत के कुशल युवाओं को अपने यहां नौकरी करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहा है।
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