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ज्‍यादा खुश न हों आप, इस साल भी अधिक रहेगा Co2 लेवल, लॉकडाउन में आई कार्बन उत्‍सर्जन में कमी है बेहद कम

लॉकडाउन के दौरान वैश्विक स्‍तर पर आई कार्बन उत्‍सर्जन में कमी को विश्‍व मौसम संगठन ने खारिज कर दिया है। संगठन का कहना है कि ये कमी बेहद कम है और इस बार भी Co2 का स्‍तर अधिक ही रहने वाला है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 02:05 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 02:05 PM (IST)
ज्‍यादा खुश न हों आप, इस साल भी अधिक रहेगा Co2 लेवल, लॉकडाउन में आई कार्बन उत्‍सर्जन में कमी है बेहद कम
वर्ष 2019 में रिकॉर्ड स्‍तर पर था कार्बन डाईऑक्‍साइड का स्‍तर

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कोविड-19 के चलते दुनिया भर में लगे लॉकडाउन और इससे प्रदूषण समेत कार्बन उत्‍सर्जन में आई कमी पर विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की रिपोर्ट आंखें खोल देने वाली है। इस रिपोर्ट में वैश्विक स्‍तर पर कार्बन उत्‍सर्जन में आई कमी से ज्‍यादा खुश नहीं होने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा वर्ष में पूरी दुनिया में कार्बन डाईआक्‍साइड उत्‍सर्जन में 4 से 7 फीसद तक की कमी आई है।

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वैश्विक स्‍तर पर इसके दैनिक उत्‍सर्जन में करीब 17 फीसद की कमी दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्बन उत्‍सर्जन में आई कमी के बावजूद भी हमारे वातावरण में मौजूद सीओ 2 का स्‍तर कम न होकर आगे बढ़ेगा। हालांकि इसकी रफ्तार जरूर पहले की अपेक्षा कम होगी। इसमें ये भी कहा गया है कि पृथ्‍वी पर प्राकृतिक तौर पर जो सालाना कार्बन उत्‍सर्जन होता है उसकी दर करीब 1पीपीएम है।

WMO की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 में वातावरण में मौजूद कार्बन डाईआक्‍साइड का लेवल 410.5 अंश प्रति 10 लाख (PPM) था जो कि एक रिकॉर्ड है। संगठन की तरफ से मौजूदा वर्ष में भी इसके अधिक होने की आशंका व्‍यक्‍त की गई है। आपको बता दें कि वर्ष 2015 में इसका स्‍तर पर 400 था। संगठन की तरफ से महज चार वर्ष के दौरान इसका स्‍तर में आई बढ़ोतरी पर चिंता भी जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इतिहास में वातावरण में मौजूद इस गैस के स्‍तर में इतनी तेजी से बदलाव को पहले कभी नहीं देखा गया है।

लॉकडाउन के दौरान भले ही इसमें कुछ कमी देखी गई थी लेकिन दीर्घकाल में ये कमी कोई मायने नहीं रखती है। इसके लिए निरंतर प्रयास करने जरूरी है। रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया है लॉकडाउन के दौरान कार्बन उत्‍सर्जन जारी रहा और इस दौरान कुल उर्जा खपत में भी कोई खास कमी नजर नहीं आई। इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान इस प्रक्रिया में जो कमी आई है वो बेहद मामूली है, जिससे खुश होने की जरूरत नहीं है।


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