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सैफुद्दीन के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेता मणिशंकर ने दिया ये चौंकाने वाला बयान

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि एक कश्मीरी होने के नाते, सैफुद्दीन बुरहान वानी के मामले के बारे में अधिक जानकारी रखते हैं।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sat, 08 Jul 2017 03:02 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jul 2017 03:29 PM (IST)
सैफुद्दीन के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेता मणिशंकर ने दिया ये चौंकाने वाला बयान
सैफुद्दीन के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेता मणिशंकर ने दिया ये चौंकाने वाला बयान

नई दिल्ली, एएनआई। कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने शुक्रवार को बयान देते हुए कहा था कि मेरा बस चलता तो मैं बुरहान को जिंदा रखता और उससे बात करता। इस मामले पर कांग्रेस ने आज अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि घाटी में लोगों पर गोलीबारी की बजाय, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होना चाहिए।

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कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि एक कश्मीरी होने के नाते, बुरहान वानी के मामले में सैफुद्दीन अधिक जानकारी रखते हैं। वानी समर्थकों बड़ी संख्या में हैं, एक बंदूक की नोक पर किसी भी समस्या को हल नहीं कर सकते हैं। लोगों पर गोलीबारी करने के बजाय प्रधान मंत्री को घाटी के लोगों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं करनी चाहिए।"

सोज ने शुक्रवार को कहा था कि अगर मेरी सत्ता होती तो मैं कभी भी बुरहान वानी को मरने नहीं देता। मैं उससे बातचीत करता और उसे समझाता कि पाकिस्तान, कश्मीर और भारत के बीच दोस्ती हो सकती है, जिसमें वह भी अपनी भागीदारी निभा सकता था, लेकिन बुरहान अब मर चुका है और हमें कश्मीरियों के दर्द को समझना चाहिए।

घाटी में वानी की पुण्यतिथि पर बढ़ाई गई सुरक्षा

आतंकी कमांडर बुरहान वानी की बरसी पर घाटी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करते हुए प्रशासन ने सभी एहतियाती कदम उठाए हैं।

गौरतलब है कि पिछले साल 8 जुलाई को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ के दौरान आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी को मार गिराया गया था। वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद लगातार 53 दिनों के लिए कर्फ्यू लगाया गया था। हालांकि, वानी की मौत के बाद करीब पांच महीने तक घाटी में अशांति जारी रही, जिसमें दो पुलिसकर्मियों सहित 78 लोग मारे गए थे। 

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