सोनाली बेंद्रे के बारे में तो आपने जान लिया, कैंसर से बचने के लिए खुद को ऐसे करें तैयार
कैंसर अपने आप में एक जानलेवा बीमारी है, समय से इलाज ना होने पर यह बीमारी किसी व्यक्ति की जान भी ले सकती है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मशहूर एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे ने एक पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी कि वह हाई ग्रेड कैंसर से पीड़ित हैं। सोनाली से पहले अभिनेता इरफान खान ने कैंसर होने के बारे में बताया था। फिलहाल वह लंदन में इलाज करवा रहे हैं। कैंसर अपने आप में एक जानलेवा बीमारी है, समय से इलाज ना होने पर यह बीमारी किसी व्यक्ति की जान भी ले सकती है। आज हम आपको कैंसर से संबंधित हर जानकारी देने जा रहे हैं जो आपको स्वस्थ रहने में मदद करेगी।
जानिए क्या है कैंसर
जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति की कोशिकाओं में कई तरह के बदलाव आते हैं। पुरानी कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं और नई कोशिकाएं यानि सेल्स जन्म लेते हैं। हमारे शरीर में रेड और व्हाइट दो तरह के सेल्स होते हैं जो शरीर को सुचारू रूप से चलाने का काम करते है। मगर कैंसर होने की स्थिति में यह सेल्स जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगते हैं। इससे ही शरीर में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी जन्म लेती है।
कैंसर के प्रकार
कैंसर भी कई तरह के होते हैं जैसे त्वचा का कैंसर, ब्लड कैंसर, हड्डियों का कैंसर, ब्रेन कैंसर, स्तन कैंसर, फेफड़ों, गले, मुंह का कैंसर, पैनक्रियाटिक कैंसर इत्यादि।
भारत में कैंसर का बढ़ता प्रकोप
जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में कैंसर से करीब 25 लाख लोग पीड़ित हैं और हर साल 7 लाख से अधिक नए मामले दर्ज होते हैं। कैंसर के सभी प्रकारों में, पुरुषों में मुंह और फेफड़े का कैंसर और महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है। देश में होने वाली सभी मौतों में लगभग 50 प्रतिशत मौतें कैंसर की वजह से होती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ‘कैंसर उन कई संबंधित बीमारियों का समूह है जो तब होती हैं जब असामान्य कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगता है। इस तरह से अक्सर ट्यूमर बन जाते हैं। ट्यूमर या तो सामान्य होते हैं या घातक।
कैंसर के मुख्य कारण
तंबाकू: पुरुषों में करीब 60 फीसद मामले मुंह और गले के कैंसर के होते हैं। इन दोनों के बाद सबसे ज्यादा फेफड़ों का कैंसर पाया जाता है। इन तीनों कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू है। कैंसर के कुल 40 फीसद मामले तंबाकू की वजह से होते हैं, फिर चाहे पीनेवाला तंबाकू (सिगरेट, बीड़ी, हुक्का आदि) हो या फिर खाने वाला (गुटखा, पान मसाला आदि)। अगर आप खुद बीड़ी-सिगरेट नहीं पीते, लेकिन आपके आसपास कोई पीता है तो भी आपको उसके धुएं से खतरा है। स्मोकिंग से फेफड़े, गले, प्रोस्टेट, किडनी, ब्रेस्ट और सर्विक्स कैंसर के आसार बढ़ जाते हैं।
शराब: कैंसर की एक बड़ी वजह शराब है। अधिक शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। शराब से मुंह, खाने की नली, गले, लिवर और ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। शराब और तंबाकू का साथ में सेवन करने से कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए बीड़ी/सिगरेट के साथ शराब भी पीने वालों को कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है।
प्लास्टिक: कई बार लोग गर्म खाने और पीने की चीजों को रखने के लिए प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, लेकिन ये आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अनुसार सभी तरह की प्लास्टिक एक वक्त के बाद गर्म करने पर केमिकल छोड़ने लगते हैं। बार-बार गर्म करने से प्लास्टिक कंटेनर्स के केमिकल्स टूटने शुरू हो जाते हैं और फिर ये खाने-पीने की चीजों में मिल जाते हैं। नतीजन गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक इस्तेमाल करने से यह कैंसर का कारण बन सकता है। खाने की चीजों को भी गर्म होने पर प्लास्टिक कंटेनर में न रखें।
मोटापा: आज के समय में मोटापा आम समस्या बन गई है, बढ़ता वजन भी कैंसर का एक मुख्य कारण है। अगर किसी के शरीर में मोटापा बढ़ता है तो उसका वजन बढ़ जाता है। इस फैट में मौजूद एंजाइम मेल हॉर्मोन को फीमेल हॉर्मोन एस्ट्रोजिन में बदल देते हैं। फीमेल हॉर्मोन ज्यादा बढ़ने पर ब्लड कैंसर, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट कैंसर और सर्विक्स (यूटरस) कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। हाई कैलरी, प्रीजर्व्ड या जंक फूड, नॉन-वेज ज्यादा लेने से समस्या और बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए पुरुषों को अपनी कमर का घेरा 40 इंच (102 सेमी) और महिलाओं को 35 इंच (88 सेमी) तक या इससे कम रखना चाहिए।
संक्रमण: हेपटाइटिस बी, हेपटाइटिस सी, एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) जैसे इन्फेक्शन कैंसर की वजह बन सकते हैं। हेपटाइटिस सी के इन्फेक्शन से लिवर का कैंसर और एचपीवी से महिलाओं में सर्वाइकल और पुरुषों में मुंह का कैंसर हो सकता है। ये दोनों वायरस असुरक्षित यौन संबंधों से फैलते हैं।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- लक्षणों पर ध्यान देकर और नियमित रूप से जांच कराकर खतरे को कम किया जा सकता है।
- तंबाकू की लत छोड़ना या कम करना कैंसर की रोकथाम में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
- नल के पानी को फिल्टर कर पिएं ताकि संभावित कैंसर कारकों से शरीर को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
- समय पर और शेड्यूल के अनुसार टीकाकरण करवाएं
- बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से मूत्र में कैंसर पैदा करने वाले एजेंटों को फ्लश करने में मदद मिलती है
- स्वस्थ आहार खाने और नियमित व्यायाम करने की आदत डालें। फल और सब्जियां ऐंटिऑक्सिडेंट से समृद्ध होती हैं, जो बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती हैं।
कैंसर से डरें नहीं, लड़ें
कैंसर से बहुत ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। अगर हम अपनी मौजूदा जानकारी को देखें तो कैंसर के 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों का फर्स्ट स्टेज में इलाज हो सकता है। सेकंड स्टेज में यह अनुपात करीब 70 प्रतिशत है, तीसरे चरण में 40 प्रतिशत व चौथे चरण में 10 प्रतिशत से भी कम रह जाता है। आजकल कई तरह के कैंसर को गंभीर लेकिन काबू में आने लायक बीमारी माना जाता है, जिन्हें कैंसर के अलावा किसी भी दूसरे गंभीर रोगों की तरह दवाओं से कई साल तक काबू में रखा जा सकता है।