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देश के नागरिकों को मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक करने के लिए चलेगा अभियान

नागरिकों को संविधान और 11 मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक करने का अभियान सिर्फ देश तक ही सीमित नहीं है इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चलाया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 02:13 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 02:13 AM (IST)
देश के नागरिकों को मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक करने के लिए चलेगा अभियान
देश के नागरिकों को मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक करने के लिए चलेगा अभियान

माला दीक्षित, नई दिल्ली। यह तो सभी को मालूम है कि भारत के संविधान में नागरिकों को मौलिक अधिकार दिये गए है और उनके हनन पर कोई भी अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है, लेकिन संविधान लागू हुए सत्तर वर्ष पूरे होने के बावजूद लोगों को संविधान मे बताए गए नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों की कम ही जानकारी और जागरुकता देखने को मिलती है। ऐसे में मोदी सरकार ने भारत के संविधान और संविधान मे बताए गए नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए देश व्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

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संविधान की जानकारी देने के लिए विधि मंत्रालय ने कसी कमर

26 नवंबर यानी संविधान दिवस से इसकी शुरूआत हो चुकी है। इस काम में कानून मंत्रालय का न्याय विभाग जुट गया है और उसने देश भर में अभियान चलाने और उसे बढ़ाने की रूपरेखा तैयार कर ली है। संविधान की जानकारी देने के लिए विधि मंत्रालय का विधि कार्य विभाग ला कालेजों के साथ मिल कर एक आनलाइन कोर्स भारत का संविधान शुरु करने की भी तैयारी कर रहा है।

नागरिकों को मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक करना

केंद्र सरकार ने अधिकारों के प्रति सचेत नागरिकों को मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक करने की ठान ली है इसकी झलक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनता से पिछली बार की गई मन की बात और गत 26 नवंबर संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण से ही मिल गयी थी। लेकिन पूरी योजना की जानकारी सोमवार को आलोक श्रीवास्तव सचिव (न्याय) ने दी। उन्होंने बताया कि नागरिकों को कर्तव्यों के प्रति सचेत करने का जिला स्तर तक देश व्यापी अभियान चलाया जाएगा। जिसमें ला कालेज के छात्र, सरकारी विभाग और समाज के जानेमाने प्रतिष्ठित लोग सब मिल कर काम करेंगे। उनका कहना है कि लोग अपने संविधान और उसमे कही गई बातों से बहुत परिचित नहीं हैं।

लोगों को भारत के लोकतंत्र के गौरवशाली इतिहास की जानकारी होनी चाहिए

लोग ये तो जानते हैं कि भारत का संविधान सबसे बड़ा संविधान है, लेकिन कुछ लोगों में यह भी भ्रम है कि संविधान मे जो लोकतंत्र की अवधारणा है या जो कुछ बहुत सी अच्छी चीजें है वे सब बाहर के देशों के संविधान से ली गई हैं। श्रीवास्तव कहते हैं कि ये बात सही है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हर देश के संविधान की अच्छी चीजें अपने संविधान में शामिल की हैं। कोई भी सवाल ऐसा नहीं है जिसका जवाब हमारे संविधान में न दिया गया हो। साथ ही वह कहते हैं कि हमारे देश में लोकतंत्र की अवधारणा मात्र 150 साल पुरानी नहीं बल्कि यह बहुत पुरानी है। हमारे देश में 11-12 विलेज रिपब्लिक थे जहां यह अवधारणा थी जैसे कपिलवस्तु, मगध, वैशाली आदि। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते है कि देश के नागरिकों को भारत के लोकतंत्र के गौरवशाली इतिहास की जानकारी होनी चाहिए।

संविधान और मौलिक कर्तव्यों की जानकारी देने का उठाया बीड़ा

इस अभियान के तहत प्रत्येक प्रदेश के 70 जानेमाने प्रख्यात लोगों के संविधान पर विचार लोगों के बीच रखे जाएंगे। छोटी-छोटी फिल्में बनाई जाएंगी। नागरिकों को संविधान और उसमें दिए गए 11 मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरुक करने का यह अभियान सिर्फ देश तक ही सीमित नहीं है इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चलाया जाएगा जिसमें विदेश मंत्रालय की महती भूमिका होगी। देश के भीतर ला कालेज के छात्र, एनसीसी आदि इसमें भाग लेंगे। ला कालेज के छात्र तीन-तीन गुटों में अलग-अलग स्कूल और कालेज जाएंगे वहां जाकर बच्चों को संविधान और मौलिक कर्तव्यों की जानकारी देंगे।


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