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उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की मुहिम होगी तेज, सरकार देगी एक हजार करोड़ रुपये

उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की इस मुहिम में शामिल होने के लिए फिलहाल देश के करीब 114 संस्थानों ने आवेदन किया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 09:23 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 09:23 PM (IST)
उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की मुहिम होगी तेज, सरकार देगी एक हजार करोड़ रुपये
उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की मुहिम होगी तेज, सरकार देगी एक हजार करोड़ रुपये

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की मुहिम अब और तेज होगी। सरकार ने जल्द ही कुछ और संस्थानों को इनमें शामिल करने के संकेत दिए हैं। फिलहाल इस मुहिम ने उस समय जोर पकड़ा है, जब हाल ही में यूजीसी ने 19 और संस्थानों को इनमें शामिल करने की सिफारिश की है।

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इससे पहले भी यूजीसी की पांच संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की सिफारिशें लंबित हैं। सरकार ने अब तक सिर्फ छह संस्थानों को ही विश्वस्तरीय बनाने की मुहिम से जोड़ा है। इनमें आइआइटी बांबे, दिल्ली के साथ आइआइएससी बेंगलोर सहित तीन निजी क्षेत्र के संस्थान शामिल हैं।

सरकार की ओर यह संकेत तब आया है, जब विश्वस्तरीय संस्थानों के चयन से जुड़ी उच्चस्तरीय विशेषज्ञ कमेटी (ईसीसी) ने पहली खेप में घोषित छह संस्थानों की प्रगति का ब्योरा लिया है। साथ ही जल्द ही इससे जुड़ी रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी देने को कहा है। खास बात यह है कि कमेटी ने इनमें जियो संस्थान की प्रगति को लेकर भी सरकार को रिपोर्ट दी है।

तय नियमों के तहत संस्थानों को मंजूरी मिलने के साल भर के भीतर इसे लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी व आए बदलावों का ब्योरा देना है। इसी बीच यूजीसी ने इस कतार में खड़े दूसरे संस्थानों की सिफारिशों को लेकर भी चर्चा की है। हालांकि कमेटी ने इस बात पर सहमति दी है, कि पहले की सिफारिशें मंजूर किए जाने के बाद ही नई पर विचार होगा।

उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की इस मुहिम में शामिल होने के लिए फिलहाल देश के करीब 114 संस्थानों ने आवेदन किया है। इनमें से अब तक करीब तीस संस्थानों को परखने के बाद यूजीसी ने इन्हें विश्वस्तरीय बनाने की मुहिम में शामिल करने की सिफारिश की है। इनमें से छह संस्थानों को सरकार ने भी मंजूरी दे दी है।

हालांकि सरकार ने पहली खेप में सिर्फ 20 संस्थानों को ही इनमें शामिल करने की बात की थी। जिसमें दस सरकारी और दस निजी क्षेत्र के संस्थानों को इनमें शामिल किया जाना था। सरकारी संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सरकार एक हजार करोड़ रुपये की मदद भी देती है। इस पूरी योजना का मकसद उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्व के पांच सौ शीर्ष संस्थानों में शामिल कराना है।

इन संस्थानों की सिफारिशें हैं लंबित
यूजीसी की उच्च स्तरीय कमेटी ने जिन 24 संस्थानों की सिफारिश की है, उनमें बीएचयू, तेजपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली विवि, आइआइटी मद्रास, आइआइटी खड़गपुर, पंजाब विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विवि, अमृता विश्वविद्यापीठ्म, वीआइटी वेल्लोर, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, अजीम प्रेमजी विवि, अशोका विश्वविद्यालय, ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय, सत्य भारती विश्वविद्यालय हरियाणा आदि प्रमुख संस्थान शामिल हैं।

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