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राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने की मुहिम हुई और तेज

चुनावी बांड जारी करने की तैयारियां अंतिम चरण में, वित्त मंत्रालय ने तैयार किया प्रस्ताव, संबंधित विभागों से हो रहा विचार विमर्श...

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 03 Oct 2017 08:10 PM (IST)Updated: Tue, 03 Oct 2017 08:10 PM (IST)
राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने की मुहिम हुई और तेज
राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने की मुहिम हुई और तेज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजनीतिक चंदे की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने मुहिम और तेज कर दी है। केंद्र जल्द ही चुनावी बांड जारी करने जा रहा है जिसके माध्यम से राजनीतिक दल चंदा ले सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने चुनावी बान्ड का एक प्रस्ताव तैयार किया है और इस पर संबंधित विभागों से विचार विमर्श चल रहा है। जल्द ही इसे लांच किया जा सकता है।

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सूत्रों ने कहा कि चुनावी बांड कैसे जारी किए जाएंगे और कितनी राशि का चुनावी बान्ड खरीदा जा सकेगा, इस संबंध में अभी नियम तय किए जा रहे हैं। इसके लिए जरूरी नियामक और विधायी प्रक्रिया की औपचारिकता भी पूरी कर ली गयी है। वित्त मंत्री अगले कुछ दिनों में इसकी घोषणा कर सकते हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चुनावी बांड जारी करने की घोषणा की थी। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी सरकार ने किया था ताकि चुनावी बांड जारी किए जा सकें।

दरअसल चुनावी बांड योजना के तहत चंदा देने वाला व्यक्ति केवल चैक और डिजिटल भुगतान के तहत निर्धारित बैंकों से बांड खरीद सकता है। हालांकि ये बांड पंजीकृत राजनीतिक दल के निर्धारित और पंजीकृत बैंक खाते में ही भुनाए जा सकेंगे। हालांकि बांड खरीदने वाले व्यक्तियों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। चुनावी बांड सिर्फ बैंक के माध्यम से खरीदा जा सकेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गयी है ताकि बान्ड खरीदने वाला व्यक्ति कर चुकाने के बाद ही यह खरीदे। इससे राजनीतिक फंडिंग के लिए कर चोरी के जरिए अर्जित की गयी धनराशि के इस्तेमाल पर रोक लग सकेगी।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने के लिए इस साल के आम बजट में नकद चंदे की अधिकतम सीमा 2,000 रुपये तय करने की घोषणा भी की थी। इससे पहले कोई भी राजनीतिक दल किसी भी व्यक्ति से 20,000 रुपये तक का चंदा कैश में ले सकता था और उसके लिए उसे स्रोत बनाने की जरूरत नहीं होती थी। हालांकि चैक या डिजिटल पेमेंट के माध्यम से राजनीतिक दल कितनी भी धनराशि चंदे के रूप में प्राप्त कर सकेंगे।

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