फायबर ऑप्टिक केबल में दिक्कत से इंटरनेट स्पीड हुई स्लो
दुनियाभर में इंटरनेट की रफ्तार धीमी हो गई है। भारत में भी इंटरनेट की रफ्तार पर खतरा दिख रहा है। इंटरनेट पर चल रहा साइबर वॉर इसकी अहम वजह है। इससे इंटरनेट की बैंडविथ पर असर पड़ा है। यही कारण है कि यूरोप और एशिया में इंटरनेट की स्पीड धीमी हो गई है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में इंटरनेट की रफ्तार धीमी हो गई है। भारत में भी इंटरनेट की रफ्तार पर खतरा दिख रहा है। इंटरनेट पर चल रहा साइबर वॉर इसकी अहम वजह है। इससे इंटरनेट की बैंडविथ पर असर पड़ा है। यही कारण है कि यूरोप और एशिया में इंटरनेट की स्पीड धीमी हो गई है। जानकारों के मुताबिक अटलांटिक महासागर से गुजरने वाली फायबर ऑप्टिक केबल की मरम्मत करनी होगी। इसके बाद ही इंटरनेट की रफ्तार में कुछ सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल के मुताबिक भारत की इंटरनेट स्पीड पर खास असर नहीं पड़ेगा। सिब्बल के मुताबिक इंटरनेट सेवाओं पर केवल 3-4 फीसदी ही असर दिखेगा। हालांकि बीएसएनल की सेवाओं पर मामूली असर पड़ा है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि अगर इंटरनेट सेवाओं पर बुरा असर पड़ा तो जरूरी कदम उठाए जाएंगे। बीएसएनएल ने भी माना है कि कंपनी के नेटवर्क पर इंटरनेट की स्पीड धीमी हो गई है और कंपनी स्पीड बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। कंपनी ने ये भी कहा है कि तीन चौथाई बैंडविथ बहाल कर लिया गया है। बाकी बैंडविथ बहाल करने के लिए कंपनी टाटा और भारती के साथ चर्चा कर रही है।
भारती एयरटेल का कहना है कि सामान्य रूप से सेवाओं देने के लिए कंपनी की कोशिशें जारी हैं। एयरटेल की वॉयस ट्रैफिक सामान्य हो गई हैं जबकि ट्रैफिक कम के डाटा सर्विसेज को सामान्य करने की कोशिश में जुटी हुई है। एयरटेल के मुताबिक साइबर वॉर के तहत कई जगहों पर फाइबर कटने की वजह से ये गड़बड़ी हुई है जिसके चलते भारत और यूरोप के बीच केबल सिस्टम्स पर असर पड़ा है। वहीं रिलायंस कम्युनिकेशन का कहना है कि साइबर वॉर का कंपनी की इंटरनेट सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है और उसके सभी केबल सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।
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