रेलवे को राजनीति से मुक्त करने को आए बंसल
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पवन बंसल को रेलमंत्री बनाया जाना हैरत भरा भले हो, लेकिन उन्हें तरजीह देने के पीछे एकमात्र वजह अनुभवी होते हुए राजनीतिक महत्वाकांक्षा का न होना और वित्तीय, कानूनी एवं संसदीय मामलों का जानकार होना है। उन्हें डॉ. सीपी जोशी पर शायद इसलिए तवज्जो दी गई क्योंकि गुजरात के मौजूदा और राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जोशी रेलवे को उतना वक्त देने की स्थिति में नहीं थे जिसकी फिलहाल रेलवे को दरकार है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पवन बंसल को रेलमंत्री बनाया जाना हैरत भरा भले हो, लेकिन उन्हें तरजीह देने के पीछे एकमात्र वजह अनुभवी होते हुए राजनीतिक महत्वाकांक्षा का न होना और वित्तीय, कानूनी एवं संसदीय मामलों का जानकार होना है। उन्हें डॉ. सीपी जोशी पर शायद इसलिए तवज्जो दी गई क्योंकि गुजरात के मौजूदा और राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जोशी रेलवे को उतना वक्त देने की स्थिति में नहीं थे जिसकी फिलहाल रेलवे को दरकार है।
फेरबदल से पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री जोशी को उस समय रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था जब तृणमूल कांग्रेस के सरकार से बाहर होने के बाद मुकुल राय ने रेलमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तकरीबन एक माह तक दो मंत्रालयों के बीच झूलते रहे डॉ. जोशी सड़क के बजाय रेल मंत्रालय ही चाहते थे, लेकिन सड़क परियोजनाओं की मौजूदा हालत को देखते हुए उन्हें उस मंत्रालय से हटाना फिलहाल मुनासिब नहीं समझा गया।
सीधी-सादी छवि के पवन बंसल भी संसदीय कार्य मंत्री के रूप में अपनी भूमिका में बहुत असरदार नहीं साबित हो पा रहे थे। संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को लेकर मचे बवाल और फिर मानसून सत्र में भी भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर विपक्ष का गतिरोध उनके लिए मुसीबत बना हुआ था। ऐसे में उन्हें रेलवे देकर ससम्मान वहां से ट्रांसफर करना बेहतर समझा गया। इसमें उनके अनुभव, वित्तीय, कानूनी व वैज्ञानिक मामलों की समझ और विश्वव्यापी भ्रमण की भी भूमिका रही।
रेलवे को आज ऐसे ही व्यक्ति की जरूरत है जो उसे राजनीतिक मकड़जाल से उबार कर विकास और वित्तीय आत्मनिर्भरता की सीधी पटरी पर ले आए। संसदीय कार्यमंत्री रहने से पहले बंसल वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह विज्ञान के साथ कानून के भी स्नातक हैं। वैसे वह 1986 में रेलवे विधेयक पर संयुक्त समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। रेलमंत्री बनने के बाद एक चैनल को दिए अपने बयान में बंसल ने कहा कि वे रेलवे को आधुनिक, सुविधाजनक एवं स्वच्छ बनाने पर ध्यान देंगे।
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