हिज्बुल आतंकी बुरहान की बरसी से पहले कश्मीर घाटी में बढ़ाई गई सुरक्षा
हुर्रियत नेताओं और हिज्बुल कमांडर सैयद सलाहुद्दीन ने शनिवार को पूरी तरह से बंद का आह्वान किया है और पूरे एक हफ्ते के विरोध-प्रदर्शन का कार्यक्रम जारी किया है।
श्रीनगर, एएनआइ। हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी के मुठभेड़ के एक साल पूरे होने के मद्देनजर कश्मीर घाटी में तनाव बढ़ गया है। शनिवार को उसकी बरसी है और ऐसे में अलगाववादियों ने विरोध-प्रदर्शन का एक हफ्ते का कार्यक्रम जारी किया है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है और किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
रिपोर्टों के अनुसार, हुर्रियत नेताओं और हिज्बुल कमांडर सैयद सलाहुद्दीन ने शनिवार को पूरी तरह से बंद का आह्वान किया है और पूरे एक हफ्ते के विरोध-प्रदर्शन का कार्यक्रम जारी किया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बुरहान वानी की पहली बरसी से पहले जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार इसको लेकर चिंतित है, क्योंकि राज्य अमरनाथ यात्रा जारी है।
वहीं एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी में गुरुवार रात से अगले आदेश तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। जबकि आज जुमे की नमाज के बाद विरोध-प्रदर्शन की आशंका के चलते श्रीनगर में कम से कम सात थानाक्षेत्रों में कर्फ्यू रहेगा। सभी अलगाववादी नेताओं को घरों मे नजरबंद किया गया है, जबकि जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक कों सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।
बुरहान वानी की बरसी को लेकर सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वह कश्मीर घाटी में हिज्बुज मुजाहिदीन का मुख्य चेहरा था और आठ जुलाई 2016 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ के दौरान मारा गया था।
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