किसानों की मांगः बुलेट ट्रेन से पहले हमें डॉक्टर और स्ट्रीट लाइट दो
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध कर रहे महाराष्ट्र के पालघर जिले के ग्रामीणों ने हामी भरने से पहले अपनी कुछ शर्ते सामने रखीं हैं।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध कर रहे महाराष्ट्र के पालघर जिले के ग्रामीणों ने हामी भरने से पहले अपनी कुछ शर्ते सामने रखीं हैं। उन्होंने जमीन के मुआवजे के साथ तालाब, एंबुलेंस सेवाएं, सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट और डॉक्टरों की मांग की है।
गौरतलब है कि 508 किलोमीटर लंबे ट्रेन गलियारे का करीब 110 किलोमीटर हिस्सा पालघर जिले में आता है। बुलेट ट्रेनचलाने के लिए 73 गांवों की 300 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है और इससे करीब 3,000 ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं।
2022 तक बुलेट ट्रेन चलाने के लक्ष्य को हासिल में ग्रामीणों का यह विरोध बड़ी बाधा साबित हो रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) पहले गांववालों को जमीन के बदले सिर्फ मुआवजा देने की बात कर रहा था। लेकिन अब मुआवजे के साथ उनकी कुछ अन्य मांगों पर भी विचार करने को सहमत हो गया है।
एनएचआरसीएल के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने बताया, 'हमने अपने रुख में बदलाव किया है। पहले हम गांवों के चौक पर गांव वालों को इकठ्ठा कर उन्होंने मनाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन विरोध शांत नहीं हुआ। इसलिए हमने तय किया है कि अब हम सिर्फ जमींदारों के पास जाएंगे। साथ ही गांव के मुखिया से लिखित में देने को कहेंगे कि वह मुआवजे के अलावा और क्या चाहते हैं।'