बुलंदशहर हिंसा: जीतू फौजी पर सेना प्रमुख बिपिन रावत- सबूत होगा तो पुलिस के सामने लाएंगे
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा के बयान पर टिप्पणी करते हुए सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि मुझे लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कबूला है कि मुंबई आतंकी हमले के पीछे लश्कर के आतंकियों का हाथ था। लेकिन भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का कहना है कि सभी को पता है कि मुंबई आतंकी हमला किसने किया। साथ ही उन्होंने बुलंदशहर हिंसा मामले में जितेंद्र मलिक के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश पुलिस का सहयोग करने की बात कही।
बुलंदशहर हिंसा मामले में देंगे पूरा सहयोग
बुलंदशहर हिंसा मामले में सेना के जवान जितेंद्र मलिक (जीतू फौजी) पर अपडेट से जुड़े सवाल पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर कोई सबूत होगा और पुलिस उन्हें संदिग्ध मानेगी तो हम उन्हें पुलिस के सामने पेश कर देंगे। हम पुलिस के साथ पूरा सहयोग करेंगे।' वहीं सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश पुलिस देर शाम तक जितेंद्र मलिक को बुलंदशहर ला सकती है। उसने अपनी रेजिमेंट को बताया कि वह हिंसा में शामिल नहीं था।
सर्जिकल स्ट्राइक पर हुड्डा के बयान पर बोले सेना प्रमुख
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा के बयान पर टिप्पणी करते हुए सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि मुझे लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है। जहां तक डीएस हुड्डा के बयान की बात है, तो यह उनके निजी विचार हैं, इसलिए उन पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वह (हुड्डा) इस ऑपरेशन से जुड़े मुख्य व्यक्तियों में से एक थे, इसलिए मैं उनके शब्दों का काफी सम्मान करता हूं।
हमें पता है, मुंबई आतंकी हमला किसने किया..
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी कबूला है कि मुंबई आतंकी हमले के पीछे लश्कर के आतंकियों का हाथ था। यह बात इमरान खान ने खुद कबूली है। पाकिस्तान में सरकार बनाने के बाद पहली बार शुक्रवार को इमरान खान ने विदेशी मीडिया (वॉशिंगटन पोस्ट) को अपना पहला इंटरव्यू दिया है। इस मुद्दे पर जब बिपिन रावत से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि यह हमला किसने किया। मुझे नहीं लगता कि हमें किसी के बयान की जरूरत है। बुद्धिजीवी समुदाय जानता है कि यह किसने किया। देखिए, किसी मुद्दे पर स्वीकार्यता अच्छी है, लेकिन इसके बिना भी हम जानते थे कि यह किसने किया था।