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बुलंदशहरः गोकशी के शक में हिंसा, इकलाख हत्याकांड की जांच करने वाले इंस्पेक्टर को भीड़ ने मार डाला

इंस्पेक्टर सुबोध ने बिसाहड़ा में तीन साल पहले गोहत्या की सूचना पर हुई इकलाख की हत्या के दस आरोपितों को दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया था।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 07:27 AM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 07:57 AM (IST)
बुलंदशहरः गोकशी के शक में हिंसा, इकलाख हत्याकांड की जांच करने वाले इंस्पेक्टर को भीड़ ने मार डाला
बुलंदशहरः गोकशी के शक में हिंसा, इकलाख हत्याकांड की जांच करने वाले इंस्पेक्टर को भीड़ ने मार डाला

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के खिलाफ लोगों का गुस्सा इतना चरम पर आ गया कि इन लोगों ने कानून हाथ में ले लिया। चौकी को फूंकने के साथ पुलिस पर भी हमला किया गया। इसमें एक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने जान गंवा दी जबकि दारोगा के साथ आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हैं। पथराव में गंभीर रूप से घायल युवक सुमित ने भी दम तोड़ दिया। 

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सुबोध कुमार सिंह वर्तमान में बुलंदशहर में कोतवाल थे और 28 सितंबर 2015 को हुए बिसाहड़ा कांड के पहले जांच अधिकारी रहे थे। बता दें कि बिसाहड़ा में तीन साल पहले गोहत्या की सूचना पर हुई इकलाख की हत्या हो गई थी। सुबोध कुमार ने दस आरोपितों को दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। सुबोध कुमार के पिता भी उत्तर प्रदेश पुलिस में थे। सुबोध के पिता की मौत ट्रेन में बदमाशों से हुई मुठभेड़ के दौरान हुई थी।
Inspector Subodh Kumar
ग्रेटर नोएडा में तैनात रहे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बैचमेट ने बताया कि सुबोध का परिवार ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित गौर सिटी सोसायटी में रहता है। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा श्रेय दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, वह बीएससी कर चुका है। छोटा बेटा नोएडा के एक स्कूल से 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ग्रेटर नोएडा की जारचा, बादलपुर और दादरी कोतवाली के प्रभारी रह चुके थे।

सुबोध ने कई बार छुड़ाए थे बदमाशों के छक्के
बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के बाद भीड़ की हिंसा के शिकार हुए इंस्पेक्टर सुबोध राठौर बहादुर थे। तीन बार बदमाशों से मोर्चा लेते हुए वे घायल भी हुए। एक बार मेरठ में बदमाशों से मुठभेड़ में उन्हें गोली भी लगी थी। इंस्पेक्टर सुबोध जैथरा क्षेत्र के गांव तरिगवां के मूल निवासी थे। उनके पिता स्व. रामप्रताप सिंह कांस्टेबल थे, ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद सुबोध ने पुलिस महकमे में मृतक आश्रित में नौकरी पाई। बड़े भाई अतुल राठौर सपरिवार दिल्ली में रहते हैं।
 

गोकशी में सात के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज
पुलिस ने गोकशी के मामले में नयाबांस गांव निवासी योगेशराज की तहरीर पर गांव के सात लोगों सुदैफ चौधरी, इलयास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

इंस्पेक्टर के परिजनों को 50 लाख देने की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर की घटना में दिवंगत पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों को 50 लाख रुपये देने की घोषणा की है। उनकी पत्नी को 40 लाख रुपये तथा माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की है।

कब क्या हुआ?
सुबह 7 बजे गोवंश के अवशेष मिले।
8 बजे: ग्रामीण खेतों पर पहुंचे।
9 बजे: हिंदू संगठनों के लोग घटनास्थल पर पहुंचे।
9:30 बजे: पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
10 बजे: ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
11 बजे: ग्रामीणों ने अवशेषों को ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर स्याना-बुलंदशहर हाईवे स्थित चिंगरावठी चौकी पर जाम लगा दिया।
दोपहर 12 बजे: पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठी फटकारनी शुरू कर दी।
12:30 बजे: पुलिस व ग्रामीणों के बीच पथराव शुरू हो गया।
1 बजे: स्याना कोतवाल व एक युवक घायल हो गया।
2 बजे: लखावठी सीएचसी ले जाते समय स्याना कोतवाल की मौत हो गई और घायल युवक को सीएचसी से मेरठ रेफर कर दिया।
4 बजे: डीएम व एसएसपी मौके पर पहुंचे।
4.30 बजे: एडीजी मेरठ जोन व आइजी रेंज पहुंचे।
5.00 बजे: मेरठ के अस्पताल में सुमित की मौत की सूचना चिंगरावठी पहुंची।
5.30 बजे: कमिश्नर भी मौके पर पहुंचे, गांव में पीएसी तैनात


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