आर्थिक सर्वेक्षण में राजकोषीय संतुलन पर ध्यान देने की सलाह, आम जनता के हाथ में ज्यादा रकम बचने की संभावना
कल पेश होने वाले आम बजट में मध्यम वर्ग को मिलने वाली राहत की संभावनाओं के बीच आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि उसे राजकोषीय संतुलन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि इससे आम जनता को ज्यादा रकम देने का रास्ता साफ होता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार को पेश होने वाले आम बजट में मध्यम वर्ग को मिलने वाली राहत की संभावनाओं के बीच आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि उसे राजकोषीय संतुलन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे आम जनता के हाथ में ज्यादा रकम देने का रास्ता साफ होता है। यह इसलिए कि राजकोषीय प्रबंधन को बेहतर करने से ब्याज दरों को नीचे रखने में मदद मिलती है और इससे होम लोन, शिक्षा लोन, ऑटो लोन की दरें कम होती हैं।
रजकोषीय घाटे का स्तर तय लक्ष्य से कम रहने की संभावना
जाहिर है कि कम ब्याज देने की वजह से जनता पर कम बोझ मिलता है। सर्वेक्षण में इस बात का संकेत है कि वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटे का स्तर निर्धारित लक्ष्य 6.4 फीसद से भी कम रहेगा।सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितता और जोखिम के बावजूद जब भारत में इकोनोमी रिकवरी बेहतर दिशा में आगे बढ़ रही तो राजकोषीय नीति को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। यह अनिश्चित माहौल में नीतिनिर्धारकों के सही रहेगा और साथ ही यह समाज के एक वर्ग को फायदा पहुंचाने वाला साबित होगा, क्योंकि इससे ब्याज दरों को कम करने मे मदद मिलती है।
वित्तीय बाजार पर पड़ेगा सकारात्मक असर
इसका वित्तीय बाजार पर भी सकारात्मक असर होता है। जब ब्याज दरों में वृद्धि का माहौल हो तब राजकोषीय प्रबंधन की अहमियत ज्यादा होती है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को राज्यों को भी बेहतर राजकोषीय प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करने की नीति जारी रखनी चाहिए। इससे कर्ज के बोझ को संभालने में भी मदद मिलती है।
मध्यम वर्ग को राहत देने की उम्मीद
आर्थिक सर्वेक्षण की तरफ आम जनता के हाथ में ज्यादा पैसा देने की यह तरकीब तब आई है जब यह माना जा रहा है कि इस बजट में मध्यम वर्ग को कुछ अतिरिक्त राहत देने का इंतजाम हो सकता है। खास तौर पर जिस तरह से पिछले दो वर्षों से देश में महंगाई की दर काफी ज्यादा रही है उसका असर आम जनता को हर तरह से उठाना पड़ा है। मध्यम वर्ग को दी जाने वाली राहत का फायदा केंद्र सरकार इस वर्ष होने वाले नौ राज्यों के विधान सभा चुनावों और आगामी आम चुनाव में भी हो सकता है।
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