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फ्लैग मीटिंग के बाद भी सीमा पर बीएसएफ के जवान सतर्क, पाक की गोलीबारी से डरे-सहमे लोग

सीमांत क्षेत्रों से पलायन करने वाले खौफजदा लोग घरों में लौट आए हैं। अभी उनके दिलों से गोलाबारी का डर नहीं गया है।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 09:07 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 10:55 AM (IST)
फ्लैग मीटिंग के बाद भी सीमा पर बीएसएफ के जवान सतर्क, पाक की गोलीबारी से डरे-सहमे लोग
फ्लैग मीटिंग के बाद भी सीमा पर बीएसएफ के जवान सतर्क, पाक की गोलीबारी से डरे-सहमे लोग

जम्मू (राज्य ब्यूरो)। सीमा पर गोलाबारी से जानमाल का भारी नुकसान करने वाले पाकिस्तान के शांति के दावों के बाद भी सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) उच्चतम स्तर की सतर्कता बरत रहा है। गोलाबारी से उपजे हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीस दौरे पर सात जून को जम्मू कश्मीर आएंगे। श्रीनगर में एक दिन बिताने के बाद आठ जून को वह जम्मू पहुंचेंगे। ऐसे हालात में बीएसएफ के फील्ड कमांडर इस समय सीमा के हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

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पाकिस्तान द्वारा फिलहाल अपने तेवर नरम करने के बाद सीमांत क्षेत्रों से पलायन करने वाले खौफजदा लोग घरों में लौट आए हैं। अभी उनके दिलों से गोलाबारी का डर नहीं गया है। ऐसे में गृहस्थी और खेती सुचारु बनाने में कुछ दिन लग जाएंगे। अखनूर के परगवाल में पाकिस्तान की भारी गोलाबारी में दो सीमा प्रहरियों की मौत और 16 लोगों के घायल होने से उपजे हालात में करीब 30 हजार सीमांतवासी अपने घर छोड़कर चले गए थे। इनमें से अधिकतर लोग घरों को लौट गए हैं।

बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के आइजी राम अवतार का कहना है कि सीमा पर सतर्कता कभी कम नहीं होती है। चार जून को सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग के बाद सीमा शांत है, लेकिन हम पूरी तरह अलर्ट हैं। सीमा पर हालात बेहतर होने से खेतीबाड़ी शुरू हो जाएगी।

इसी बीच सीमा पर बसे हजारों लोगों के लिए गोलाबारी से उपजे हालात को भुलाना आसान नहीं होगा। वे घर तो लौट आए हैं, लेकिन यह यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि पाकिस्तान धोखा नहीं देगा। उनका पड़ोसी पर शक करना स्वाभाविक भी है। चालू वर्ष में पाकिस्तान ने गोलाबारी करने की सारी हदें पार कर दी हैं। साल के पहले पांच महीनों में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर 1252 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। इससे लोगों के दिलों में डर बैठ गया है।


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