सिक्किम में स्वतंत्रता दिवस का जश्न, 18300 फीट ऊंचे डोंकयाला दर्रे पर जवानों ने फहराया तिरंगा
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो के तट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जो 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और जवानों ने इस दौरान राष्ट्रगान भी गाया। कई सुरक्षा बल इस दिन को उत्साह और गर्व के साथ मना रहे हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सिक्किम के डोंकयाला दर्रे पर तिरंगा फहराया गया, जो कि 18300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रविवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा, 'आज भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पूर्वी क्षेत्र में सबसे ऊंचे दर्रे- 18300 फीट पर डोंकयाला दर्रे में तिरंगा फहराया गया।'
वहीं, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो के तट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जो 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और जवानों ने इस दौरान राष्ट्रगान भी गाया। ITBP जवानों ने 16700 फीट की ऊंचाई पर सिक्किम में गुरुडोंगमार झील के तट पर भी स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया।
#WATCH | ITBP jawans celebrate #IndependenceDay on the banks of Gurudongmar Lake in Sikkim at the height of 16700 feet pic.twitter.com/Q07GEOquRN
— ANI (@ANI) August 15, 2021
इसके अलावा उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर और लद्दाख में भी झंडा फहराया गया। कई सुरक्षा बल इस दिन को उत्साह और गर्व के साथ मना रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस उत्सव के केंद्र में रहा भारतीय नौसेना का पोत
प्रेट्र के मुताबिक, सद्भावना यात्रा पर गया भारतीय नौसेना का अग्रिम पंक्ति का युद्धपोत रविवार को ब्रिटेन में स्वतंत्रता दिवस उत्सव का केंद्र रहा। यह युद्धपोत अभी इंग्लैंड के दक्षिणी तट पर पोर्टस्मूथ हार्बर पर है। भारतीय नौसेना और ब्रिटिश रायल नेवी के बीच सालाना द्विपक्षीय अभ्यास कोंकण में भाग लेने के लिए आइएनएस तबार गुरुवार को पोर्टस्मूथ पहुंचा। कैप्टन महेश मैन्गीपुडी के कमान में पोत पर सवार करीब 300 क्रू ने ध्वजारोहण किया। भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार की अगुआई में विशेष अतिथियों के एक छोटे दल को कोविड-सुरक्षित व्यवस्था में भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में आमंत्रित किया गया था।
उच्चायोग ने कहा, 'भारतीय नौसेना और रायल नेवी के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं। 2004 से दोनों हर साल द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास कोंकण आयोजित करते आ रहे हैं। आइएनएस तबार की सद्भावना यात्रा को हम उम्मीद की नजर से देखते हैं। रायल नेवी के एचएमएस वेस्टमिंस्टर के साथ इसके संयुक्त अभ्यास का लक्ष्य दोनों नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता, तालमेल और सहयोग है। 'भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल युद्धपोत मुंबई से जून के शुरू में रवाना हुआ था। ब्रिटेन जाने के क्रम में इसने रूस और इटली में अभ्यास किया और अगले महीने तक भारत लौट आने की उम्मीद है।