भट्ठों वाली ईंटों पर प्रतिबंध की तैयारी, सरकार ने CPWD से मांगी रिपोर्ट
पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र भट्ठों वाली ईंटों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र भट्ठों वाली ईंटों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। फिलहाल, सरकार देश में चल रही अपनी परियोजनाओं में ही इनके इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। एक अधिकारी के मुताबिक, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को यह जांचने का निर्देश दिया है कि क्या उसकी निर्माण परियोजनाओं में भट्ठों वाले ईंट के उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सकता है या नहीं।
उधर, इस संबंध में मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के बाद सीपीडब्ल्यूडी ने अपने अधिकारियों से इस पर 11 दिसंबर तक प्रतिक्रिया देने को कहा है। बता दें कि सीपीडब्ल्यूडी केंद्र की सबसे बड़ी निर्माण एजेंसी है। यह पूरे देश में केंद्र सरकार और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्यालयों का निर्माण करने का काम करती है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'अपशिष्ट सामग्री का उपयोग करके पर्यावरण के अनुकूल ईंटों का उत्पादन करने की तकनीक उपलब्ध है। यही वजह है कि मंत्रालय ने सीपीडब्ल्यूडी को यह जांचने का निर्देश दिया है कि क्या भट्ठों वाले ईंट के उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सकता है।'
ईंट भट्ठे वायु प्रदूषण का बड़ा कारण
खास बात यह है कि पारंपरिक ईंट भट्टियां वायु प्रदूषण का बड़ा कारण बनती हैं, क्योंकि वे ईंट बनाने की प्रक्रिया में कोयले का उपयोग करती हैं। इस साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ईपीसीए ने एनसीआर में आने वाले राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि सभी ईंट भट्टियां पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा निर्देशित 'जिग-जैग' तकनीक को लागू करें। इससे उत्सर्जन में 80 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
इस साल अप्रैल में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली और आसपास के राज्यों की इस बात की आलोचना की थी कि उन्होंने अवैध तरीके से चल रहे ईंट भट्ठों पर अपना जवाब दाखिल नहीं किया, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु और जल प्रदूषण का बड़ा कारण बने हुए हैं।