E-Waste: ई-वेस्ट पैदा करने वाले ब्रांड उत्पादक ही करेंगे इसको नष्ट, नए नियम शनिवार से होंगे प्रभावी
ई-वेस्ट को लेकर अब किसी भी तरह का ढुलमुल रवैया नहीं चलेगा। अब जो भी ई-वेस्ट पैदा करेगा उसे नष्ट करने की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। ई-वेस्ट के एक अप्रैल से प्रभावी होने वाले नए नियमों के तहत इस जिम्मेदारी को न उठाने वालों से सख्ती से निपटा भी जाएगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ई-वेस्ट को लेकर अब किसी भी तरह का ढुलमुल रवैया नहीं चलेगा, बल्कि अब जो भी ई-वेस्ट पैदा करेगा उन्हें उसे नष्ट करने की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। ई-वेस्ट के एक अप्रैल से प्रभावी होने वाले नए नियमों के तहत इस जिम्मेदारी को न उठाने वालों से सख्ती से निपटा भी जाएगे, जिसमें उन्हें जुर्माना और जेल दोनों ही भुगतना पड़ सकता है। इसके साथ ही ई-वेस्ट के दायरे को भी बढ़ा दिया गया है, जिसमें 21 वस्तुओं की जगह अब 106 वस्तुओं को शामिल किया गया है। जिसमें मोबाइल चार्जर से लेकर घरों में इस्तेमाल की जाने वाली सभी छोटी-बड़ी इलेक्ट्रानिक्स और इलेक्टि्रकल वस्तुएं शामिल है।
ब्रांड उत्पादकों की होगी ई-वेस्ट को नष्ट करने की जवाबदेही
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने लंबी चर्चा के बाद ई-वेस्ट को लेकर नए नियम पिछले महीने ही जारी कर दिए थे। इन नियमों के तहत ई-वेस्ट को नष्ट करने की जवाबदेही ब्रांड उत्पादकों की होगी। हालांकि नए नियमों में उन्हें इसके संग्रहण और री-साइक्लिंग जैसी जिम्मेदारी से मुक्ति दे दी है। लेकिन इसके बदले उन्हें री-साइक्लरों ( ई-कचरे को नष्ट करने वाले उद्योगों) से निर्धारित मात्रा में ई-वेस्ट नष्ट करने का सर्टीफिकेट लेना होगा, जिसके बदले उन्हें इन री-साइक्लरों को पैसा भी देना होगा। फिलहाल किस ई-वेस्ट उत्पादक को कितनी मात्रा का सर्टिफिकेट लेना होगा। इसका निर्धारण उसकी ओर से उत्पादित वस्तु की औसत आयु से तय होगी।
यानी यदि कोई उत्पादक टीवी तैयार करता है और उसकी औसत आयु दस वर्ष है, तो नए लक्ष्यों के तहत उनसे दस वर्ष पहले जितनी टीवी तैयार की है उसका 60 फीसद नष्ट करने का सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके आधार पर ही सीपीसीबी उन्हें नए टीवी के उत्पादन की अनुमति देगा।
नए नियमों के तहत सभी को एक पोर्टल पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक ई-वेस्ट के नए नियमों के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक आनलाइन पोर्टल तैयार कर लिया है। जिसमें ई-वेस्ट के तहत अधिसूचित सभी 106 वस्तुओं को तैयार करने वाले उत्पादकों को इस पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा। इसके साथ ही सभी री-साइक्लरो को भी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके आधार पर ही उन्हें अब नए उत्पादन की अनुमति मिलेगी।
इस पोर्टल पर देश के सभी री-साइक्लर भी नष्ट किए ई-वेस्ट का ब्यौरा भी देंगे। मौजूदा समय में देश में हर साल करीब 11 लाख टन ई-वेस्ट पैदा हो रहा है। लेकिन उनमें से अभी सिर्फ दस फीसद का ही संग्रहण हो पाता है।