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गंभीर बीमारी वालों को दी जा सकती है बूस्टर डोज, रोग ग्रस्‍त बच्‍चों के टीकाकरण पर भी सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

सरकार गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को कोरोना टीके की बूस्टर डोज देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। एनटागी (नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्यूनाइजेशन) के इस महीने के अंत में होने वाली बैठक में इस पर कोई फैसला हो सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 09:32 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 07:22 AM (IST)
गंभीर बीमारी वालों को दी जा सकती है बूस्टर डोज, रोग ग्रस्‍त बच्‍चों के टीकाकरण पर भी सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को कोरोना टीके की बूस्टर डोज देने की अनुमति दी जा सकती है।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को कोरोना टीके की बूस्टर डोज देने की अनुमति दी जा सकती है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। एनटागी (नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्यूनाइजेशन) के इस महीने के अंत में होने वाली बैठक में इस पर कोई फैसला हो सकता है। इसके साथ ही गंभीर बीमारी से ग्रस्त बच्चों के टीकाकरण पर भी इस बैठक में विचार किया जाएगा।

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स्टाक में लगभग 22 करोड़ डोज मौजूद

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यों के पास स्टाक में लगभग 22 करोड़ डोज मौजूद है और कंपनियों की ओर से प्रतिदिन औसतन लगभग एक करोड़ डोज की सप्लाई हो रही है। परंतु, वैक्सीन की उपलब्धता और सप्लाई की तुलना में टीकाकरण की रफ्तार नहीं बढ़ पा रही है। इसे देखते हुए सरकार दिसंबर से टीके के बड़े पैमाने पर निर्यात के साथ-साथ गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों को बूस्टर डोज और इसी तरह के बच्चों को टीके की दोनों डोज लगाने पर विचार कर रही है।

महीने के अंत में बैठक

अधिकारी के अनुसार इस संबंध में कई विशेषज्ञों के प्रजेंटेशन एनटागी और मंत्रालय को मिले हैं। इस पर फैसला लेने के लिए एनटागी की इस महीने के अंत में बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि एनटागी की सिफारिश के अनुरूप सरकार इस पर फैसला लेगी।

गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों में नहीं बन पाती एंटीबाडी

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और उनमें टीका लगने के बावजूद पर्याप्त मात्रा में एंटीबाडी नहीं बन पाती है। कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों में सबसे अधिक संख्या ऐसे ही लोगों की है।

बूस्टर डोज देना इसलिए जरूरी

जाहिर है कोरोना की तीसरी लहर आने की स्थिति में सबसे अधिक ऐसे लोगों के होने की आशंका है। इसीलिए तीसरी लहर से पहले उन्हें पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए बूस्टर डोज देना जरूरी है। इसी तरह सामान्य तौर पर बच्चे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित पाए गए हैं। संक्रमण के बावजूद उनमें इसके लक्षण नहीं दिखते हैं या कम दिखते हैं। लेकिन दूसरी लहर के दौरान गंभीर बीमारी से ग्रस्त कई बच्चों की बचाया नहीं जा सका है। कोरोना संक्रमण से उन्हें सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण जरूरी माना जा रहा है। 

अमेरिका में सभी वयस्कों को बूस्टर डोज देने की अनुमति

इस बीच अमेरिका के दवा नियामक खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने टीकाकरण अभियान के दायरे को बढ़ाते हुए सभी वयस्कों को बूस्टर डोज देने की अनुमति दे दी है। अभी तक बुजुर्गों, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों और अत्यधिक जोखिम वाले समूह के लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही थी। फाइजर और माडर्ना ने एफडीए के इस फैसले की घोषणा की।


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