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बेंगलूरु में अस्पताल की बड़ी लापरवाही, मौत के 15 महीने बाद मिले 2 कोरोना संक्रमितों के शव

बेंगलुरु के राजाजीनगर ईएसआई अस्पताल में 2 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के 15 महीने बाद मुर्दाघर से उनके शव बरामद हुए हैं। जुलाई 2020 में दोनों मृतक कोरोना संक्रमित हुए थे जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और दोनों की मौत हो गई थी।

By Geetika SharmaEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 11:03 AM (IST)
बेंगलूरु में अस्पताल की बड़ी लापरवाही, मौत के 15 महीने बाद मिले 2 कोरोना संक्रमितों के शव
बेंगलुरु के ईएसआई अस्पताल में मौत के 15 महीने बाद मिले 2 कोरोना संक्रमितों के शव

बेंगलुरू, आईएएनएस| बेंगलुरु के राजाजीनगर ईएसआई अस्पताल में स्टाफ और डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के 15 महीने बाद अस्पताल के मर्च्युरी में उनकी बाडी मिली है। अस्पताल के सफाइकर्मियों को मर्च्युरी में सफाई के दौरान कोल्ड स्टोरेज से शव मिले है। सोमवार को अधिकारियों द्वारा दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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राजाजीनगर पुलिस ने मामला अपने हाथ में ले लिया है और मृतकों के परिजनों का पता लगाने की कोशिश की है। टैग की मदद से एक मृतक की पहचान चामराजपेट निवासी दुर्गा उम्र 40 वर्ष और दूसरे मृतक की पहचान मुनिराजू उम्र 35 वर्ष केपी अग्रहारा बेंगलुरु निवासी के रूप में हुई है। दुर्गा के पति की मौत हो चुकी है और उनके परिवार ने शव लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पुलिस मुनिराजू के परिजनों का पता नहीं लगा पाई है। पुलिस ने कहा कि मुनिराजू के परिवार के सदस्यों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

जानकारी के अनुसार जुलाई 2020 में दोनों मृतक कोरोना संक्रमित हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए ईएसआई अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इस दौरान दोनों मरीजों की मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार के लिए दोनों शव बीबीएमपी BBMP को सौंप दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत संक्रमित मरीजों के शव अंतिम संस्कार के लिए बीबीएमपी को दिए जाते हैं।

वहीं, राजाजीनगर ईएसआई अस्पताल के पुराने मुर्दाघर में शवों को रखने के लिए छह कोल्ड स्टोरेज हैं। संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल के अधिकारियों को शवों को मुर्दाघर में रखने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसके चलते सरकार ने अस्पताल में एक नया मुर्दाघर बनवाया और दिसंबर 2020 में इसका उद्घाटन हुआ था। नए मुर्दाघर में काम शुरू होने से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह दोनों शव फ्रीजर में रह गए और अब सफाई के दौरान कर्मचारियों को यह लाशें मिलीं।

वहीं, अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों की इस लापरवाही के खिलाफ जनता में काफी रोष है और लोगों ने शवों को संभालने में इस तरह की लापरवाही की निंदा भी की है।


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