कालेधन पर किसने क्या कहा...
कालेधन पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार पडऩे के बाद 627 नामों की सूची सौंपने पर केंद्र सरकार की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही
नई दिल्ली। कालेधन पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार पडऩे के बाद 627 नामों की सूची सौंपने पर केंद्र सरकार की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है। आलोचना करने वालों में देश की प्रमुख हस्तियां भी शामिल हैं। कुछ प्रमुख हस्तियों के ट्वीट इस प्रकार हैं:-
अन्ना हजारे: यदि वे कालाधन वापस लाने में विफल होते हैं, तो देशवासियों को फिर से आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।
अरिवंद केजरीवाल: घर बैठे खुल जाता है कालेधन का खाता। होम डिलीवरी से होता है लेनदेन।
डीएस रावत [एसोचैम महासचिव]: भाजपा ने कहा, सूची एसआईटी को सौंपी दी है, सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए सीलबंद लिफाफा एसआईटी को सौंप दिया। जाहिर है किसी का झूठ पकड़ा...। इसमें कोई दो राय नहीं कि विदेशों में जमा कालाधन भारत वापस लाना चाहिए और इसका सद्पयोग होना चाहिए।
सीताराम येचुरी: भाजपा का चुनाव के दौरान समर्थन देने वाले उद्योगपतियों का कर्ज उतारने का गुप्त एजेंडा था। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कालाधन लाने वापस लाने का वादा किया था, परंतु वे सुप्रीम कोर्ट में प्रतिबद्ध क्यों नहीं दिखे...। भाकपा की चिंता नाम उजागर होने से ज्यादा कालाधन वापस लाने पर है। उन्हें अब कालाधन वापस लाने की अपनी योजना का खुलासा करना चाहिए।
किरण बेदी: अब चुनिंदा लीकेज नहीं हो सकती, यह समय नाम सार्वजनिक होने का है। अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कब नाम सार्वजनिक हों।
राम जेठमलानी: यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, इसका श्रेय सुप्रीम कोर्ट को जाना चाहिए न की वित्त मंत्री या एजी [अटॉर्नी जनरल] को।
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