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कालाधन मामला: एमपी के दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चुनाव आयोग ने दिया और समय

लोकसभा चुनाव के दौरान कमल नाथ सरकार के करीबी अफसरों के पास से मिले बेहिसाब पैसों के मामले में चुनाव आयोग के सख्त रुुख को देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव आयोग के सामने पेश हुए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 09:04 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 09:04 PM (IST)
कालाधन मामला: एमपी के दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चुनाव आयोग ने दिया और समय
चुनाव आयोग के सामने उपस्थित हुए मध्य प्रदेश राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस।

नई दिल्ली, ब्यूरो। लोकसभा चुनाव के दौरान कमल नाथ सरकार के करीबी अफसरों के पास से मिले बेहिसाब पैसों के मामले में चुनाव आयोग के सख्त रुुख को देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव मंगलवार को आयोग के सामने पेश हुए। उन्होंने इस मामले में अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी। साथ ही आयोग से दो हफ्ते का और समय मांगा। इस पर आयोग ने अपनी सहमति तो दे दी, लेकिन दो हफ्तों के बाद इस मामले में उठाए गए कदमों के साथ फिर उपस्थित होने को कहा।

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मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग को दी जानकारी

आयोग के मुताबिक, राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने इस मामले में उठाए गए कदमों की पूरी जानकारी दी है। उनके साथ इस दौरान प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा भी थे।

दोषी अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट के बाद उठाए जाएंगे सख्त कदम: मुख्य सचिव

उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी गई है जहां दोषी अफसरों के खिलाफ प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इस जांच में अभी दो हफ्ते का और समय लगेगा। जांच रिपोर्ट के बाद इन सभी के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से चुनाव आयोग संतुष्ट

आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, मध्य प्रदेश की ओर से उठाए गए कदमों से आयोग संतुष्ट दिखा है। हालांकि यह साफ किया है कि मामले में संलिप्त सभी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग ने हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव और राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामले में दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।

दोषी अफसरों में तीन आइपीएस सहित कई अधिकारी शामिल हैं

बता दें कि इनमें तीन आइपीएस सहित राज्य प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा के अधिकारी शामिल हैं। आयोग ने यह कदम 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर के छापे और सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर उठाया था। ..


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