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यूपी-उत्तराखंड चुनावों में भारी जीत से भाजपा चुनेगी अपनी पसंद का राष्ट्रपति

भाजपा को इन दोनो राज्यों में मिली अभूतपूर्व जीत से अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में उसके मतदाताओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 17 Mar 2017 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 17 Mar 2017 08:46 PM (IST)
यूपी-उत्तराखंड चुनावों में भारी जीत से भाजपा चुनेगी अपनी पसंद का राष्ट्रपति
यूपी-उत्तराखंड चुनावों में भारी जीत से भाजपा चुनेगी अपनी पसंद का राष्ट्रपति

नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत के साथ विजयी पताका लहराने वाली भारतीय जनता पार्टी की यह विजयी शंखनाद अब राज्यसभा और राष्ट्रपति भवन में भी गूंजेगी। भाजपा को इन दोनों राज्यों में मिली अभूतपूर्व जीत से अगले राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में उसके मतदाताओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है। वर्तमान राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इसी साल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है, और जून में किसी भी समय राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है।

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भारत में राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की पद्धति से होता है और राष्ट्रपति निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य होते हैं। इस निर्वाचक मंडल में 4,120 विधायकों और 776 निर्वाचित सांसदों सहित कुल 4,896 मतदाता होते हैं। यहां पर लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित सदस्य होने के नाते मतदान कर सकते हैं, वहीं लोकसभा में मनोनीत दो एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्य और राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते।

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विधायकों के मत का मूल्य उस राज्य के आकार पर निर्भर करता है, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन सांसदों के मत का मूल्य समान रहता है और उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है। निर्वाचक मंडल के कुल मतों का मूल्य 10,98,882 होता है। चुनाव आयोग के एक अधिकारी का कहना है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र में सत्तासीन एनडीए के पास 75,076 मतों की कमी थी, लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद यह आंकड़ा घटकर 20,000 मतों पर आ गया है। अगर भाजपा एआईएडीएमके के 134 और बीजू जनता दल के 117 विधायकों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहती है, तो वह अपनी पसंद के व्यक्ति को आसानी से राष्ट्रपति बना सकती है।

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राज्यसभा में भाजपा के पास अभी 56 सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस 59 सदस्यों के साथ यहां सबसे बड़ी पार्टी है। 5 विधानसभा चुनावों में 4 में जीत के बाद अगले साल भाजपा राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी और एनडीए के कुल सदस्यों की संख्या 100 के करीब हो जाएगी।
 


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