शिंदे का सड़क से संसद तक बहिष्कार करेगी भाजपा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भगवा परिवार की समन्वय बैठक के दूसरे ही दिन भाजपा ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे पर पूरी तरह हमलावर होने का निर्णय ले लिया। भाजपा-संघ के शिविरों में आतंकवाद का प्रशिक्षण दिये जाने का बयान देने वाले शिंदे का हर स्तर पर बहिष्कार होगा। वह जहां-जहां जाएंगे उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। भाजपा के नेता उनके साथ किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। संसद में भी पार्टी उन्हें नहीं सुनेगी। हालांकि इसे लेकर असमंजस है कि शिंदे को बोलने की भी छूट दी जाए या नहीं। पिछले दिनों भाजपा ने एक दिन का विरोध और पुतला दहन कर शिंदे के मामले को भुला दिया था।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भगवा परिवार की समन्वय बैठक के दूसरे ही दिन भाजपा ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे पर पूरी तरह हमलावर होने का निर्णय ले लिया। भाजपा-संघ के शिविरों में आतंकवाद का प्रशिक्षण दिये जाने का बयान देने वाले शिंदे का हर स्तर पर बहिष्कार होगा। वह जहां-जहां जाएंगे उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। भाजपा के नेता उनके साथ किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। संसद में भी पार्टी उन्हें नहीं सुनेगी। हालांकि इसे लेकर असमंजस है कि शिंदे को बोलने की भी छूट दी जाए या नहीं। पिछले दिनों भाजपा ने एक दिन का विरोध और पुतला दहन कर शिंदे के मामले को भुला दिया था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई भाजपा की पहली कोर ग्रुप बैठक में यूं तो कर्नाटक व राजस्थान से लेकर राष्ट्रीय कार्यसमिति और परिषद की संभावित बैठक जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन शिंदे का मुद्दा सबसे गरम रहा। राजनाथ समेत लालकृष्ण आडवाणी,सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी व दूसरे नेताओं का मानना था कि हिंदू आतंकवाद का मुद्दा कांग्रेस ने रणनीति के तहत छेड़ा है। एक दिन पहले ही संघ परिवार की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। विहिप प्रयाग में महाकुंभ के दौरान संत सम्मेलन करेगी तो वहां भी हिंदू आतंकवाद का जवाब देने की तैयारी होगी।
तकरीबन दो घंटे तक चली बैठक के बाद महासचिव अनंत कुमार ने बताया कि शिंदे का बायकाट तब तक जारी रहेगा जब तक वह क्षमा नहीं मांगते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,संसद में भी पार्टी उन्हें राहत नहीं देगी। बैठक में मुरली मनोहर जोशी और वेंकैया नायडू को छोड़कर कोर ग्रुप के दूसरे सभी सदस्य मौजूद थे।
सूत्रों का कहना है कि ससंद के अंदर विरोध के स्तर पर अभी असमंजस है। पार्टी के सांसद तो उनसे सवाल नहीं पूछेंगे लेकिन दूसरे दलों की ओर से पूछे गए सवालों पर भी बायकाट होगा इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है। माना जा रहा है कि सत्र से पहले राजग के दूसरे घटक दलों से भी बातचीत की जाएगी। दरअसल, शिंदे के बयान की अधिकतर दलों ने निंदा की थी। पिछले दिनों में भाजपा ने इस मुद्दे पर शिंदे को बर्खास्त करने की मांग की थी, लेकिन सरकार की ओर से इस मुद्दे पर सफाई तक नहीं दी गई थी। पार्टी को लगता है कि बायकाट का दांव सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर सकता है। दरअसल, शिंदे न सिर्फ गृहमंत्री है बल्कि लोकसभा के नेता भी हैं।
बैठक में कर्नाटक और राजस्थान पर चर्चा हुई। कर्नाटक में फिलहाल भाजपा की सरकार स्थिर लग रही है। यह सहमति बनी कि सरकार बचाने के लिए कोई अनैतिक आचरण नहीं होगा। वैसे भी वहां अगले एक-डेढ़ माह में चुनाव की घोषणा हो सकती है। वहीं राजस्थान संगठन में बदलाव को लेकर अभी कुछ और चर्चा हो सकती है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बताया कि अगले एक दो दिनों में कार्यसमिति व परिषद की बैठक के स्थान और तिथि पर फैसला हो जाएगा। माना जा रहा है कि भोपाल या रायपुर में परिषद की बैठक की ज्यादा संभावना है। इस बैठक में राजनाथ के चयन पर अंतिम औपचारिक मुहर लगेगी।
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