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BJP ने अपनी महाराष्ट्र इकाई अध्यक्ष पद के लिए चंद्रकांत दादा पाटिल को फिर से किया नियुक्त

भाजपा ने महाराष्ट्र के लिए एक बार फिर से चंद्रकांत दादा पाटिल (Chandrakant Dada Patil) को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 01:04 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 01:18 PM (IST)
BJP ने अपनी महाराष्ट्र इकाई अध्यक्ष पद के लिए चंद्रकांत दादा पाटिल को फिर से किया नियुक्त
BJP ने अपनी महाराष्ट्र इकाई अध्यक्ष पद के लिए चंद्रकांत दादा पाटिल को फिर से किया नियुक्त

मुंबई, पीटीआइ। भाजपा ने महाराष्ट्र के लिए एक बार फिर से चंद्रकांत दादा पाटिल (Chandrakant Dada Patil) को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है जबकि मंगल प्रभात लोधा (Mangal Prabhat Lodha) को मुंबई चीफ नियुक्त किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह (Arun Singh) ने बताया कि दोनों नेताओं के नामों का एलान जुलाई 2019 महीने में किया गया था। अब यह दोनों नेता अपने पदभार संभालेंगे। उन्होंने बताया कि दोनों नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। बता दें कि पाटिल पिछली साल भाजपा-शिवसेना सरकार में राजस्व एवं सार्वजिनक निर्णाण विभाग के मंत्री रहे हैं।

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प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में रहे यह मंत्री

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में चंद्रकांत पाटील के अलावा पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, देवेंद्र फडणवीस के करीबी पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के नामों की भी चर्ची थी हालांकि चंद्रकांत पाटिल को दोबारा नियुक्त करने की संभावना ज्यादा थी।

बता दें कि वर्तमान में राज्य में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन नहीं है। क्योंकि पिछले साल राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच चले मुख्यमंत्री की कुर्सी के 50-50 फॉर्मूले पर सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद शिवेसना ने कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन कर लिया था। इसके बाद राज्य में शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

इससे पहले भाजपा की ओर से देवेंद्र फणनवीस ने अपना बहुमत साबित करते हुए सीएम पद की शपथ ले थी। जिसके बाद राज्य में काफी उफान मचा और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। जिसके बाद भाजपा अपनी तरफ से बहुमत साबित नहीं कर पाई थी। जिसके बाद आखिरकर देवेंद्र फणनवीस को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद शिवेसना ने भाजपा पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया। बता दें कि राज्य में यह सियासी ड्रामा एक महीने से ज्यादा चला। इसके चलते राज्य में सरकार गठन को लेकर भी दिक्कतें आई।


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