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ELECTION RESULT: कांग्रेस के नेतृत्व पर फिर उठे सवाल, राहुल पर ऐसे ली भाजपा नेताओं ने चुटकी

राहुल गांधी ने बतौर अध्यक्ष पार्टी की कमान तो संभाल ली, लेकिन शून्य पर पहुंच चुकी कांग्रेस को फिर से धरातल पर लाना राहुल के लिए बमुश्किल साबित हुआ है।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 02:01 PM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 02:38 PM (IST)
ELECTION RESULT: कांग्रेस के नेतृत्व पर फिर उठे सवाल, राहुल पर ऐसे ली भाजपा नेताओं ने चुटकी
ELECTION RESULT: कांग्रेस के नेतृत्व पर फिर उठे सवाल, राहुल पर ऐसे ली भाजपा नेताओं ने चुटकी

नई दिल्ली (जेएनएन)। गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के परिणामों ने एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राहुल गांधी ने बतौर अध्यक्ष पार्टी की कमान तो संभाल ली, लेकिन शून्य पर पहुंच चुकी कांग्रेस को फिर से धरातल पर लाना राहुल के लिए बमुश्किल साबित हुआ है। विपक्ष के निशाने पर हमेशा ही राहुल गांधी का नेतृत्व रहा है, लेकिन इस हार ने भाजपा को बोलने का और मौका दे दिया।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए मजाकिया लहजे में कहा, 'मैंने पहले ही कहा था कि कांग्रेस का नेतृत्व बदलना भाजपा के लिए शुभ संकेत होगा।'

कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए योगी ने आगे कहा कि, लोगों ने कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति को खारिज कर दिया है, यह जीत बीजेपी के गतिशील नेतृत्व और भाजपा कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का नतीजा है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी राहुल की लीडरशिप को निशाने पर लेते हुए कहा कि राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की यह 7वीं हार है। वही, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी भाजपा की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, यह हमारे लिए खुशी का विषय है, यह विकास की विजय है। जो जीता वहीं सिकंदर होता है।


हालांकि कांग्रेस नेताओं को राहुल के नेतृत्व पर भरोसा कायम हैं, उनका कहना है कि गुजरात में 22 साल से भाजपा का दबदबा रहा, जहां राहुल की नेतृत्व के कारण भाजपा को कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी है।


गौरतलब है कि गुजरात में कांग्रेस के शुरुआती रुझान को देखते हुए यह कहा जाने लगा था कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने का असर

यहां पर कुछ जरूर दिखाई दे रहा है। लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गिनती का दौर आगे बढ़ा, कांग्रेस पिछड़ती चली गई। हालांकि जिस तरह का परिणाम सामने आया उसे देखकर यह कहा जाने लगा कि कांग्रेस के किए चुनावी वायदों ने यहां पर कुछ असर तो जरूर दिखाया है।

क्या थे कांग्रेस के मुद्दे
- कांग्रेस ने इस बार में गुजरात में नौकरी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया


- पाटीदारों को आरक्षण भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना


- मोदी सरकार के राज में लगा जीएसटी भी कांग्रेस के लिए काफी बड़ा मुद्दा था

- कांग्रेस के अनुसार, जीएसटी से यहां के उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ा है और इसको लेकर यहां के उद्योपतियों में काफी रोष है। कांग्रेस को इन मुद्दों से अपनी जीत को लेकर काफी उम्मीदें थी।


हार कर भी कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहा गुजरात चुनाव

आपको यहां पर बता दें कि पिछले गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 60 सीटें भी नहीं पा सकी थी, लेकिन इस बार कांग्रेस 78 सीटों पर कब्जा करती दिख रही है। यदि यह रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो इसको पार्टी के लिए संजीवनी भी माना जा सकता है।


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