भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी नेताओं को दिया जीतने का मंत्र
राज्यों के कोरग्रुप के साथ चर्चा में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ संकेत दिया कि वह संगठन में चुस्ती चाहते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्राथमिकता में तो चुनावी राज्य हैं लेकिन भाजपा अभी से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में भी जुट गई है। सभी राज्यों के कोरग्रुप के साथ चर्चा में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह संगठन में भी चुस्ती चाहते हैं और जमीनी स्तर पर लोगों के साथ संवाद में भी पुख्ता नतीजा।
इस पूरे क्रम में भाजपा को गोरक्षा, राष्ट्रीय गौरव व सम्मान के दायरे में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे विचारधारा से जुड़े मुद्दों पर झुकने की जरूरत नहीं है। लेकिन इसका भी ध्यान रखना है कि विपक्षियों की ओर से भड़काए जा रहे दलितों-पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को अपने संयत व्यवहार और विकास कार्य से जीतना भी है। इसके लिए तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाना है और व्यक्तिगत प्रभाव का भी।
तीन दिन बाद शाह ने भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। उससे पहले सभी राज्यों के कोरग्रुप की बैठक में ही शाह ने अपनी सोच स्पष्ट कर दी। बताते हैं कि उन्होंने खरे-खरे शब्दों में पार्टी के हर नेता को गुटबाजी, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार से तौबा करने की नसीहत दी। ऐन चुनाव के वक्त सक्रिय होने वाले टिकट के दावेदारों के सामने चुनौती भी रखी और नेतृत्व करने वाले लोगों को इस जिम्मेदारी की याद दिलाई कि उन्हें दूसरी और तीसरी पीढ़ी की पौध भी खड़ी करनी है। यानी अपने विकास के लिए दूसरे योग्य नेताओं की राह का रोड़ा न बनें।
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दिल्ली के एनडीएमसी सभागार में दिनभर चली बैठक की शुरुआत शाह के संबोधन से हुई और समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश से। सूत्र बताते हैं कि चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और गुजरात पर अलग से भी बैठक हुई। उनकी तैयारियों की समीक्षा की गई और भविष्य के कार्यक्रमों के बाबत जानकारी ली गई। उन्हें कहा गया कि विरोधी दलों की रणनीति व गतिविधियों पर नजर रखें और जवाबी कार्रवाई के लिए कमर कसें।
चुनावी राज्य के नेताओं को कहा गया है कि टिकट को लेकर कोई लाबिंग न होने दें। बल्कि यह संदेश हर किसी तक हो कि टिकट केवल उन्हें मिलेगा जो चुनाव जीतने के काबिल हों। इसका एक मापदंड केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रति दावेदारों की जानकारी और संबंधित क्षेत्र में उस योजना की सफलता और असफलता के प्रति सतर्कता भी होगा। उनके साथ अगले कुछ दिनों में फिर से बैठक होगी। शाह ने उन्हें उत्साहित करते हुए कहा कि 2017 का चुनाव जीते तो फिर 2019 की जीत पक्की है।
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