Move to Jagran APP

किस्‍मत ने दिया अहमद पटेल का साथ, बेकार हुआ अमित शाह का हर वार

अमित शाह ने ऐसी रणनीति बनाई कि अहमद पटेल की हार तय मानी जा रही थी। शंकरसिंह वाघेला के अलावा कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 01:00 PM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 02:15 PM (IST)
किस्‍मत ने दिया अहमद पटेल का साथ, बेकार हुआ अमित शाह का हर वार
किस्‍मत ने दिया अहमद पटेल का साथ, बेकार हुआ अमित शाह का हर वार

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के राजनीति सचिव अहमद पटेल को राज्‍यसभा चुनाव में हराने के लिए हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे। अहमद ने आखिरकार राज्‍यसभा चुनाव जीत लिया और इसका पूरा श्रेय कांग्रेसी विधायकों को दिया।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, हालांकि अमित शाह ने गुजरात राज्‍यसभा चुनाव में खुद जीत हासिल की और केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी को भी राज्‍यसभा पहुंच गईं। लेकिन भाजपा के तीसरे उम्‍मीदवार बलवंत सिंह राजपूत चुनाव नहीं जीत पाए। इसे अमित शाह की हार के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्‍होंने अहमद पटेल को हराने के लिए हर संभव कोशिश की थी। हालांकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो इससे भाजपा और अमित शाह की भविष्‍य की योजनाओं पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। अमित शाह ने अगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। दरअसल, अमित शाह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद भरोसा करते हैं। ऐसे में शाह का कद पार्टी में पहले जैसा बना हुआ है। फिर अब अमित शाह राज्‍यसभा के सदस्‍य भी बन गए हैं। ऐसे में पार्टी और सांसदों पर उनकी पकड़ और मजबूत हो जाएगी।     

loksabha election banner



कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों को खरीदने, डाराने, धमकाने जैसे ढेरों आरोप लगाए। कांग्रेस को डर था कि कहीं कोई विधायक पाला ना बदल ले, इसलिए वो 44 विधायकों को राज्‍य से बाहर ले गई और वोटिंग वाले दिन एक साथ गुजरात लेकर आई। लेकिन अमित शाह ने ऐसी रणनीति बनाई कि अहमद पटेल की हार तय मानी जा रही थी। शंकरसिंह वाघेला के अलावा कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। लेकिन इसे अहमद पटेल की किस्‍मत ही कहेंगे कि अमित शाह के सारे वार बेकार साबित हुए। 


गौरतलब है कि अहमद पटेल को गुजरात राज्‍यसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 44 वोट की जरूरत थी। इधर भाजपा के अमित शाह ने पूरी रणनीति तैयार कर ली थी कि पटेल राज्‍यसभा तक नहीं पहुंच पाएं। लेकिन सिर्फ एक वोट ने शाह को इस खेल में मात दे दी। दरअसल, पटेल को कांग्रेस के सिर्फ 43 विधायकों ने ही वोट दिए। अब पटेल को 44 वोट किसका मिला, जिसने उनकी जीत पक्‍की कर दी, उसका पता नहीं चल पाया है। अब इसमें दो संभावनाएं नजर आती हैं, पहली कि जदयू के विधायक छोटूभाई वासवा ने अहमद पटेल के पक्ष में दिया हो, जिसकी काफी संभावनाएं हैं। दूसरी संभावना यह कि एनसीपी के विधायक जयंत पटेल ने अहमद पटेल को वोट दिया हो। हालांकि वासवा की संभावना ज्‍यादा नजर आती है, क्‍योंकि उन्‍होंने वोट देने के बाद बताने से इनकार कर दिया था।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और स्मृति ईरानी के गुजरात से राज्यसभा पहुंचने के बाद गुजरात भाजपा ने एक सम्मान समारोह का आयोजन किया है। गुजरात के गांधीनगर में पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, 'मैं अपनी पूरी क्षमता से विकास के लिए काम करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री विजय रूपानी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल इस यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। राज्य में कानून-व्यवस्था बेहतर है। उन्होंने राज्यसभा में एक सीट की हार पर कहा कि अगर दिसंबर में होने वाले चुनाव में पार्टी 150 सीटें जीतती है तो गुजरात की तीनों राज्यसभा सीटों पर पार्टी का कब्जा होगा।
 

यह भी पढ़ें: तो शंकरसिंह वाघेला ने 'गहलोत' की वजह से नहीं दिया अहमद पटेल को वोट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.