कम न हों अमरनाथ यात्रा के दिन
हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा की अवधि इस साल और कितनी घटेगी या फिर नही घटेगी? इस आशंका से जुड़ा भाजपा का यह सवाल अभी अनुत्तरित है। राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है। साथ ही तीर्थयात्रा की महत्ता के मद्देनजर उन्होंने इसे पूरी अवधि तक निकाले जाने के लिए सरकार से इजाजत देने की भी गुहार लगाई है।
नई दिल्ली [जाब्यू]। हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा की अवधि इस साल और कितनी घटेगी या फिर नहीं घटेगी? इस आशंका से जुड़ा भाजपा का यह सवाल अभी अनुत्तरित है। राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है। साथ ही तीर्थयात्रा की महत्ता के मद्देनजर उन्होंने इसे पूरी अवधि तक निकाले जाने के लिए सरकार से इजाजत देने की भी गुहार लगाई है।
जेटली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में यह मामला शून्यकाल में उठाया। कहा, 1950 से शुरू यह यात्रा चार माह चलती थी। बाद में इसे घटाकर 60 दिन कर दिया गया। उसके बाद 2010 में 54 दिन, फिर 2011 में 44 दिन कर दी गई। अब इसे और कम करके 39 दिन करने की बातें हो रही हैं। पिछली साल ही इस यात्रा में आठ लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत की थी। यात्रियों को सेवाओं के जरिए कश्मीर के लोगों का फायदा भी इससे जुड़ा है। ऐसे में इस अवधि को कतई कम नहीं किया जाना चाहिए।
जेटली के इस कथन पर भाजपा के दूसरे सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े होकर उनका समर्थन करने लगे। भाजपा के ही एम वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि यह मुद्दा श्रद्धालुओं की भावनाओं से जुड़ा है। लिहाजा प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए। दूसरे सदस्य भी सरकार से जवाब के लिए शोर मचाने लगे। सभापति के आसन पर मौजूद पीजे कुरियन ने कहा कि यह सरकार पर है कि शून्यकाल में उठाए मुद्दे पर जवाब के लिए वह सरकार को निर्देश नहीं दे सकते।
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