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चंदुओं के चक्रव्यूह में फंसने से बच गई भाजपा

छत्तीसगढ़ के महासमुंद संसदीय क्षेत्र का चुनाव इस बार बड़ा दिलचस्प रहा। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता अजीत जोगी को टक्कर देने के लिए भाजपा ने चंदूलाल साहू को मैदान में उतारा था। चंदूलाल का काम बिगाड़ने के लिए चुनाव में 10 और चंदू नाम के प्रत्याशी निर्दलीय खड़े हो गए। कहा गया कि इनमें से कई

By Edited By: Published: Thu, 22 May 2014 03:33 AM (IST)Updated: Thu, 22 May 2014 03:34 AM (IST)
चंदुओं के चक्रव्यूह में फंसने से बच गई भाजपा

नई दिल्ली, ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के महासमुंद संसदीय क्षेत्र का चुनाव इस बार बड़ा दिलचस्प रहा। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता अजीत जोगी को टक्कर देने के लिए भाजपा ने चंदूलाल साहू को मैदान में उतारा था। चंदूलाल का काम बिगाड़ने के लिए चुनाव में 10 और चंदू नाम के प्रत्याशी निर्दलीय खड़े हो गए। कहा गया कि इनमें से कई को अजीत जोगी ने ही खड़ा किया है ताकि जनता असली-नकली चंदूलाल के भ्रम में आ जाए पर उनका यह दाव उन्हीं को भारी पड़ गया। वह भाजपा के चंदूलाल से मात्र 1217 मतों से पराजित हो गए।

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हालांकि चुनाव मैदान में अगर एक-दो और निर्दलीय चंदू उतर जाते तो भाजपा के हाथ से भी यह सीट फिसल सकती थी। क्योंकि 10 निर्दलीय चंदुओं को कुल मिलाकर 70 हजार 461 वोट मिले। वहीं भाजपा के चंदूलाल साहू को 50 हजार 3514 तो जोगी को 50 हजार 2297 मत मिले। इसका साफ मतलब है कि काफी मतदाता चंदूओं को लेकर भ्रम में रहे। भाजपा प्रत्याशी पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे कम मतों से जीतने वाले वाले नेता भी बने। मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह ने सबसे ज्यादा अंतर से जीत हासिल की।

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