माल्या को मदद के मसले पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि माल्या को ऋण हासिल करने में मदद करने वाले 'भ्रष्ट हाथ' तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। शराब कारोबारी विजय माल्या को कर्ज दिलाने और देश से भागने में मदद देने के मसले पर भाजपा और कांग्रेस ने एक दूसरे को दोषी ठहराया है।मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले कांग्रेस को अलग-थलग करने के उद्देश्य से भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि माल्या को ऋण हासिल करने में मदद करने वाले 'भ्रष्ट हाथ' तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के थे।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मनमोहन सिंह को माल्या के लिखे पत्र (14 नवंबर, 2011) का हवाला देते हुए कहा कि इसमें मुश्किल दौर से गुजर रही किंगफिशर एयरलाइंस की मदद के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की गई थी। इसके बाद माल्या को कर्ज मिल गया था। संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से जानना चाहा कि किसके इशारे पर एक डिफॉल्टेड कंपनी को ऋण प्रदान किया गया।
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वहीं, मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम ने भाजपा का आरोप खारिज करते हुए मोदी सरकार पर ही माल्या को विदेश भागने की अनुमति देने का आरोप लगा दिया। कांग्रेस मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने बताया कि उद्योग जगत के मुखिया सरकार को पत्र लिखते रहते हैं और यह सामान्य सी बात है। इन पत्रों को संबंधित अधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाता है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उन्होंने इस मामले में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
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