भारती घोष ने गिरफ्तारी वारंट पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जानें क्या कहा
बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष (Bharati Ghosh) ने अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने और एफआइआर रद करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष ने अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने और एफआइआर रद करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। भाजपा ने उन्हें मिदनापुर जिले के देरबा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व आइपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर के खिलाफ मैदान में उतारा है।
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस केएम जोसफ की पीठ मामले पर मंगलवार को सुनवाई करेगी। वकील समीर कुमार के माध्यम से दायर हस्तक्षेप याचिका में घोष ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज झूठे मामलों में शीर्ष अदालत ने 19 फरवरी 2019 को उन्हें राहत प्रदान की थी, इसके बावजूद उन्हें नए मामलों में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'इस तरह की प्राथमिकी को यथासंभव लंबे समय तक गुप्त रखा जाता है और याचिकाकर्ता को प्रताडि़त करने के लिए अचानक ही उसे सामने ला दिया जाता है ताकि वह हर समय अदालती कार्यवाही में फंसी रहे और उसे अपना राजनीतिक करियर बनाने से रोका जा सके।'
उन्होंने केशपुर पुलिस थाने में दर्ज एक प्राथमिकी का ब्योरा दिया। यह मामला 12 मई, 2019 को संसदीय चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था। घोष ने कहा कि वह पिछले लोकसभा चुनाव में घाटल संसदीय सीट से भाजपा की उम्मीदवार थीं। कभी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी माने जाने वाली घोष ने दावा किया कि पुलिस ने उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज की है।
वहीं उत्तर प्रदेश के घोसी संसदीय क्षेत्र से बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट से मुकदमे की सुनवाई राज्य के बाहर स्थानांतरित करने की गुहार लगाई है। पीड़िता ने गुजारिश की है कि सुनवाई को दिल्ली स्थानांतरित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार और अभियुक्त अतुल राय को नोटिस जारी किया।