डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत के रहस्य से उठेगा पर्दा
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए प्रदेश भाजपा उनसे जुड़ी हर फाइल व संवाद को सार्वजनिक करवाएगी।
जम्मू। भारतीय जन संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए प्रदेश भाजपा उनसे जुड़ी हर फाइल व संवाद को सार्वजनिक करवाएगी। इसके लिए पार्टी सरकार पर उचित दबाव बनाएगी। यह प्रस्ताव पिछले सप्ताह हुई प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक में पारित किया गया, जिसे शनिवार को औपचारिक रूप से सार्वजनिक किया गया।
जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहली बार सत्ता में भागीदार हुई भाजपा इसका पूरा फायदा उठाने के मूड में है। छह दशक से पुराने इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए भाजपा ने प्रस्ताव पारित किया कि राज्य सरकार के समक्ष डॉ. मुखर्जी से जुड़ी हर फाइल खोलने की मांग रखी जाएगी। प्रदेश भाजपा ने राज्य विधानसभा में गुलाम कश्मीर रिफ्यूजियों के लिए पांच, जबकि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए तीन सीटें आरक्षित करने तथा कश्मीर घाटी में राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूत करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
23 जून, 1953 को हिरासत में हुई थी मौत
11 मई, 1953 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के आते हुए हिरासत में ले लिया गया था। 23 जून, 1953 को हिरासत में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने का विरोध किया था और कहा था कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे। मुखर्जी को उनके समर्थक राज्य से परमिट सिस्टम खत्म करने का श्रेय भी देते हैं।