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सेना को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए : आर्मी चीफ

'यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट' की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में जनरल रावत ने कहा कि हाल फिलहाल हम देखते रहे हैं कि सेना का राजनीतीकरण होता रहा है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 06 Dec 2017 07:58 PM (IST)Updated: Wed, 06 Dec 2017 07:58 PM (IST)
सेना को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए : आर्मी चीफ
सेना को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए : आर्मी चीफ

नई दिल्ली, प्रेट्र। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि सैन्य बलों का राजनीतीकरण हुआ है, लेकिन सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। यह जरूरी है कि जीवंत लोकतंत्र के लिए सेना राजनीति से दूर रहे।

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'यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट' की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में जनरल रावत ने कहा कि हाल फिलहाल हम देखते रहे हैं कि सेना का राजनीतीकरण होता रहा है। मेरा मानना है कि हम बहुत ही धर्मनिरपेक्ष माहौल में काम करते हैं। हमारे यहां बहुत जीवंत लोकतंत्र है, जहां सेना को राजनीतिक व्यवस्था से दूर रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 'अच्छे पुराने दिनों' में नियम था कि सैन्य बलों में महिला और राजनीति को लेकर कभी चर्चा नहीं होती थी। बहरहाल, ये विषय धीरे-धीरे विमर्श में आते चले गए और इनको नजरअंदाज किया जाना चाहिए। रावत ने कहा कि जब कभी किसी सैन्य प्रतिष्ठान या सैन्य कर्मी से जुड़े मुद्दे में राजनीतिक तत्व आ जाए तो बेहतर है कि इसकी उपेक्षा की जाए। हालांकि, उन्होंने इस सिलसिले में विस्तार से कुछ बताने से इन्कार कर दिया।

सेना प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा बल सबसे अच्छा काम तब करते हैं, जब वे देश के राजनीतिक मामलों में नहीं पड़ते। मुंबई के एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर सेना को फुट ओवरब्रिज बनाने में मदद के लिए कहने पर विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर एक नियम है। बाढ़ और भूकंप जैसे संकट के दौरान सेना को नागरिकों की मदद के लिए पहले भी कहा जाता रहा है। उल्लेखनीय है कि इसी साल अक्टूबर में एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सेना से फुट ओवरब्रिज बनाने में मदद मांगी थी। इसको लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाया था। 

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