बीमारी के कारण, फिंगरप्रिंट देने में असमर्थ है 9 वर्षीय मासूम
बीमारी के कारण निचला अंग काम करने में असमर्थ है और पिछले सात सालों से वह अपने हाथों के सहारे ही चलता है। अब आधार के लिए बायोमेट्रिक डिवाइसेज में उसका फिंगर प्रिंट नहीं रिकार्ड हो
इंदौर। झाबुआ जिले के एक गांव का निवासी 9 वर्षीय रामचंद्र ‘जुवेनाइल स्केलेटल फ्लुओरोसिस’ से पीड़ित है और अब पता चला है कि बीमारी के कारण वह आधार कार्ड बनवाने में असमर्थ है।
डुगरी फलिया गांव में फिंगर प्रिंट लेने में असमर्थ होने पर जब आधार कार्ड कैंप से रामचंद्र को वापिस भेजा गया तब फ्लुओरोसिस रोगियों के लिए काम करने वाली एनजीओ संस्था को रामचंद्र के बारे में पता चला।
इस बीमारी के कारण सात सालों से वह हाथों के सहारे ही चलता है जिसके कारण उसकी अंगुलियां इतनी अधिक घिस गयी हैं कि अब यूनिक आइडेंटिटी प्रूफ के लिए बायोमेट्रिक डिवाइसेज उसका फिंगर प्रिंट लेने में असमर्थ हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ संस्था INREM फाउंडेशन के डॉ. सुंदरराजन कृष्णन ने बताया,’यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह परेशानी फ्लुओरोसिस के कारण हुई है।‘
रामचंद्र के पिता दुदा भंवर से बात करने के बाद एनजीओ के फील्ड ऑफिसर सचिन वनी ने कहा, बच्चे को फ्लोरोसिस है जिसके कारण उसके निचले अंगों में विकृति है। बच्चा चल नहीं सकता इसलिए वह हाथों के सहारे एक जगह से दूसरी जगह जाता है।
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दुदा भंवर ने कहा कि रामचंद्र के स्कूल में आधार कार्ड की मांग की जा रही है लेकिन वह असमर्थ है। वनी ने कहा,’हमने चार बार कोशिश कि लेकिन उसके फिंगर प्रिंट्स नहीं ले पाए।‘
रामचंद्र की यह दिक्कत क्षेत्र में बढ़ रहे परेशानियों की ओर इशारा करती है जो झाबुआ जिले के पांच ब्लॉक के अंतर्गत 30 गांवों में उच्च फ्लोराइड कंटेंट की बढ़ती समस्या के कारण हुआ है।