मोदी की तेजी-निर्णय क्षमता के कायल हुए बिल गेट्स
मोदी जिस सक्रियता से काम कर रहे हैं, जिस त्वरित गति से निर्णय ले रहे हैं, वह अद्वितीय है। शायद ही कोई ऐसा भारतीय प्रधान मंत्री जमीनी स्तर पर इतनी गहराई से सोचता रहा हो। यह कहना है दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोदी जिस सक्रियता से काम कर रहे हैं, जिस त्वरित गति से निर्णय ले रहे हैं, वह अद्वितीय है। शायद ही कोई ऐसा भारतीय प्रधान मंत्री जमीनी स्तर पर इतनी गहराई से सोचता रहा हो। यह कहना है दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष व ट्रस्टी बिल गेट्स का।
इन दिनों भारत की यात्रा पर आए गेट्स की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार को मुलाकात भी संभावित है। जब उनसे यह पूछा गया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य, सफाई व शौचालय बनाने की बात करना उन्हें कैसा लगा तो बिल गेट्स के चेहरे पर मुस्कान छा गई। उन्होंने कहा, सफाई व शौचालय की व्यवस्था स्वास्थ्य के मूल में हैं। इसकी बात करना, व्यवस्था करना बेहतर स्वास्थ्य का पहला चरण है। मोदी ने इसकी बात करके अपनी जमीनी सोच का परिचय दिया है। उम्मीद है कि मोदी इसी ढंग से टीकाकरण संबंधी मसले पर शीघ्रता से फैसला करेंगे।
दिलचस्प है कि बिल गेट्स ने इस वर्ष भारत के स्वतंत्रता दिवस पर लिखे एक आलेख में आशंका जाहिर की थी कि प्रधानमंत्री पहले की तरह ही लाल किला के प्राचीर से विकास की बड़ी-बड़ी बातें करके निकल जाएंगे।
बिल गेट्स भारत में पल्स पोलियो सहित मस्तिष्क ज्वर, मीजल्स आदि के टीके का प्रचार प्रसार करते रहे हैं। बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन बिहार और उत्तर प्रदेश सहित भारत के कई राज्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य संबंधी मसलों पर तीस वर्षो से कार्य कर रहा है। एक सवाल के जवाब में गेट्स ने कहा, यूं तो बिहार व उत्तर प्रदेश दोनों जगह राजनेताओं व अफसरों से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में सहयोग मिलता रहा है पर उत्तर प्रदेश में सफलता की दर बिहार की अपेक्षा अधिक रही है।
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन का मानना है कि नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार से देश की विकास दर में बढ़ोतरी होती है। बिल गेट्स ने बताया कि पिछड़े और मझोले आय वाले देशों के आर्थिक विकास का दसवां हिस्सा वयस्क मृत्यु दर में कमी का परिणाम है। गेट्स स्वास्थ्य पर बजटीय आवंटन बढ़ाने की वकालत करते रहे हैं। उनके हिसाब से देश के सकल घरेलू उत्पाद का तीन से चार फीसदी स्वास्थ्य के लिए आवंटित किया जाना चाहिए। इस समय भारत में स्वास्थ्य पर आवंटन सकल घरेलू उत्पाद के दो फीसदी से भी कम है। मोदी के साथ भेंट में बिल गेट्स स्वास्थ्य पर बजटीय आवंटन बढ़ाने की वकालत करेंगे। इस संबंध में गुरुवार को उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी भेंट की।