Pregnancy Amendment Bill 2020 : गर्भपात की ऊपरी सीमा को 24 हफ्ते करने का विधेयक लोकसभा में पेश
लोकसभा में संशोधित गर्भपात विधेयक यानी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी बिल 2020 (Medical Termination of Pregnancy Amendment Bill-2020) को पेश किया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। लोकसभा में सोमवार को गर्भ का चिकित्सकीय समापन कराने से संबंधित संशोधित गर्भपात विधेयक यानी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी बिल 2020 (Medical Termination of Pregnancy Amendment Bill-2020) को पेश किया गया। इस विधेयक में गर्भपात की मंजूर सीमा को 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते करने का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने इस विधेयक को पेश किया।
विधेयक का मकसद
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जब इस विधेयक को पेश किया उस समय विपक्षी दलों के सदस्य दिल्ली हिंसा को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को पिछले महीने मंजूरी दी थी। सरकार की ओर से कहा गया है कि इस विधेयक का मकसद महिलाओं की विधिक और सुरक्षित गर्भपात सेवाओं तक पहुंच के साथ साथ असुरक्षित गर्भपात की वजह से होने वाली मौतों में कमी लाना है।
इनको होगा लाभ
सरकार की मानें तो इस विधेयक के तहत गर्भपात की ऊपरी सीमा को बढ़ाकर 24 हफ्ते करने से दुष्कर्म पीड़िताओं और निशक्त लड़कियों को मदद मिलेगी। विधेयक में गर्भपात की मौजूदा सीमा जो 20 हफ्ते है उसे बढ़ाकर 24 हफ्ते करने का प्रस्ताव है। हालांकि इसके लिए दो पंजीकृत डॉक्टरों का प्रिस्क्रप्शिन जरूरी होगा। हालांकि, मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच में पाई गई भ्रूण विषमताओं के मामले में यह ऊपरी सीमा लागू नहीं होगी।
महिला की निजता रहेगी सुरक्षित
कुछ अन्य मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि विधेयक से गैर शादीशुदा महिलाओं को विधि सम्मत कारणों के तहत गर्भपात की इजाजत मिलेगी। अभी तक केवल शादीशुदा महिलाओं को ही बीमारियों एवं अन प्लैंड प्रेगनेंसी की स्थिति में गर्भपात की इजाजत थी। इस विधेयक में स्त्री की निजता की सुरक्षा करने की बात कही गई है जिसकी एबॉर्शन किया जा रहा है। हाल के दिनों में अदालतों में दाखिल याचिकाओं मौजूदा सीमा बढ़ाकर गर्भपात की अनुमति मांगी गई थी।