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Bihar Election 2020: बिहार चुनाव से पहले पढ़ें- वोटर्स, राजनीतिक दल और चुनाव कर्मियों के लिए गाइडलाइन

कोरोना काल में पहली बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। आयोग ने कोरोना के दौर में चुनाव कराने को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किया है । आयोग ने कोरोना के चलते उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन भरने की सुविधा दे दी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 02:01 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 09:41 PM (IST)
Bihar Election 2020: बिहार चुनाव से पहले पढ़ें- वोटर्स, राजनीतिक दल और चुनाव कर्मियों के लिए गाइडलाइन
बिहार विधानसभा का चुनाव इस बार तीन चरणों में होगा। फाइल फोटो

नई दिल्ली, जेएनएन। बिहार में चुनावी महासंग्राम का आगाज हो गया है, इस बार तीन चरणों में चुनाव होंगे और दस नवंबर को नतीजे आएंगे। एक बार फिर मुकाबला नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए बनाम तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन के बीच है। कोरोना काल में पहली बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहा है। आयोग ने कोरोना के दौर में चुनाव कराने को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किया है । आयोग ने कोरोना के चलते उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन भरने की सुविधा दे दी है। हालांकि, इसका प्रिंट निकालकर उम्मीदवार को चुनाव अधिकारी को सौंपना होगा। इसके अलावा चुनाव के लिए इस्तेमाल किए जा रहे किसी भी कमरे, हॉल या परिसर में थर्मल स्कैनर होना जरूरी है।

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थर्मल स्कैनर हर बूथ पर होंगे और प्रवेश द्वार पर हर किसी की स्कैनिंग की जाएगी। इसके अलावा हर बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को बुलाया जाएगा। अगर किसी का तापमान ज्यादा पाया गया तो वह आखिरी घंटे में ही वोट डाल सकेगा। जानिए चुनाव आयोग की पूरी गाइडलाइन...

नामांकन की प्रक्रिया इस बार कैसी होगी?

नामांकल फार्म ऑनलाइन मुहैया कराए जाएंगे। उम्मीदवार इसे ऑनलाइन ही भर सकेंगे। उसका प्रिंट उन्हें चुनाव अधिकारी को सौंपना होगा। एफिडेविड भी ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है। उसका प्रिंट अपने पास रखा जा सकता है। नोटराइजेशन के बाद उसे नॉमिनेशन के साथ चुनाव अधिकारी को सौंपा जा सकता है। उम्मीदवार जमानत की रकम ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। कैश देने का विकल्प भी मौजूद रहेगा। नामांकन फार्म सौंपने के समय उम्मीदवार के साथ दो से ज्यादा लोग नहीं जा सकेंगे। उन्हें दो से ज्यादा गाड़ियां ले जाने की इजाजत भी नहीं होगी। नामांकल फर्म लेने, उसकी स्क्रूटनी करने और चुनाव चिह्न देने की प्रक्रिया जहां पूरी हो, वहां पर्याप्त जगह रहे। उम्मीदवारों को अलग-अलग वक्त पर बुलाया जाए। उम्मीदवारों के लिए वेटिंग एरिया भी बड़ा होना चाहिए।

पोलिंग बूथ पर वोटिंग कैसे होगी?

एक पोलिंग बूथ पर 1500 की बजाय 1000 वोटरों को ही बुलाया जाएगा। वोटिंग से एक दिन पहले पोलिंग स्टेशन सैनिटाइज किया जाएगा। हर पोलिंग स्टेशन के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर साबुन, पानी, सैनिटाइजर मुहैया कराया जाएगा। बूथ के अंदर भी सैनिटाइजर रखे जाएंगे। जो वोटर मास्क लगाकर नहीं आएंगे उनके लिए बूथ पर रिजर्व में मास्क रखे जाएंगे। हर बूथ के एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्कैनर लगाया जाएगा। हर वोटर की एंट्री प्वाइंट पर ही थर्मल चेकिंग होगी।

वोट डालने जाते समय तापमान ज्यादा निकला तो क्या होगा?

अगर किसी वोटर का पहली रीडिंग में तापमान तय पैमानों से ऊपर आता है तो दोबारा उसका तापमान लिया जाएगा। दूसरी बार भी यह ज्यादा निकले तो वोटर को टोकन/सर्टिफिकेट दिया जाएगा और उसे वोटिंग के आखिरी घंटे में बूथ पर आने को कहा जाएगा। वोटिंग के आखिरी घंटे में ऐसे वोटरों को वोट डालने दिया जाएगा। ज्यादा तापमान वाले वोटरों को फर्स्ट कम, फर्स्ट बेसिस के आधार पर टोकन दिया जाएगा, ताकि उन्हें लाइन में न लगना पड़े। टोकन देने के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी। अगर पोलिंग एजेंट या काउंटिंग एजेंट का तापमान भी ज्यादा पाया गया तो चुनाव अधिकारी उसके रिलीवर को बूथ पर आने की इजाजत दे सकेंगे।

 कोरोना पॉजिटिव हैं तो भी वोट दे सकेंगे

क्वारेंटाइन किए गए कोरोना के मरीज भी वोटिंग के आखिरी घंटे में स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में वोट डालने जा सकेंगे। कोरोना मरीजों के वोटिंग की प्रक्रिया को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट कोऑर्डिनेट करेंगे। जो वोटर कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं, वे वोट देने कैसे पहुंचेंगे, इसके लिए अलग से गाइडलाइन जारी की जाएगी। कोरोना पॉजिटिव, कोरोना संदिग्ध या क्वारैंटाइन किए गए लोग पोस्टल बैलट से भी वोट डाल सकेंगे।

पोलिंग बूथ पर और क्या व्यवस्थाएं होंगी?

वोटरों की सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो गज यानी 6-6 फीट की दूरी पर 15 से 20 सर्कल बनाए जाएंगे। वोटरों के लिए तीन कतारें होंगी। पहली पुरुषों के लिए, दूसरी महिलाओं के लिए और तीसरी दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए होगी। पहचान के लिए जरूरी हुआ तो वोटर से मास्क नीचे करने को कहा जाएगा। हर चुनाव अधिकारी के सामने एक बार में सिर्फ एक वोटर जा सकेगा। हर वोटर को रजिस्टर पर साइन करने और ईवीएम का बटन दबाने के लिए ग्लव्स दिए जाएंगे। मतदान केंद्र पर कोरोना के खिलाफ जागरुकता के पोस्टर लगाए जाएंगे। कुर्सियों और दरी के साथ एक शेड में पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रतिक्षालय भी बनाया जाएगा। हर चुनाव अधिकारी को मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और ग्लव्स दिए जाएंगे।

पोस्टल बैलट के जरिए मतदान कौन कर सकेगा?

इस चुनाव में दिव्यांग, 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग, जरूरी सेवाओं में शामिल लोगों के अलावा कोरोना पॉजिटिव, कोरोना संदिग्ध या घर व बाहर क्वारेंटाइन किए गए लोग पोस्टल बैलट के जरिए मतदान कर सकते हैं।

चुनाव प्रचार कैसे होगा?

उम्मीदवार घर-घर प्रचार के लिए अपने साथ सुरक्षाकर्मियों के अलावा 5 से ज्यादा लोगों को नहीं ले जा सकेंगे।चुनाव आयोग ने बताया कि राजनीतिक दल के कार्यकर्ता घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर सकेंगे, हालांकि, उनकी संख्या पांच से ज्यादा नहीं होगी। उम्मीदवार को नामांकन के दौरान दो वाहन ही ले जाने की इजाजत होगी। नामांकन पत्र ऑनलाइन भी भरे जा सकते हैं। चुनाव प्रचार सिर्फ वर्चुअल माध्यम से ही होगा।

ऐसे होगी वोटों की गिनती

काउंटिंग हॉल में 7 से ज्यादा काउंटिंग टेबल की इजाजत नहीं दी जाएगी। ऐसे में रिटर्निंग अफसर एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए पड़े वोटों की गिनती 3-4 हॉल में करवा सकते हैं। कंट्रोल यूनिट/वीवीपैट को काउंटिंग टेबल पर रखने से पहले सैनिटाइज किया जाना जरूरी है। वीवीपैट से सील हटाने का काम और कंट्रोल यूनिट पर रिजल्ट दिखाने का काम एक टेबल पर एक अधिकारी करेगा। कंट्रोल यूनिट पर दिखाया जाने वाला रिजल्ट बड़े स्क्रीन पर भी डिस्प्ले किया जा सकता है ताकि काउंटिंग हॉल में बड़ी संख्या में काउंटिंग एजेंट जमा ना हो सकें। काउंटिंग के पहले, काउंटिंग के दौरान और काउंटिंग के बाद भी हॉल को डिसइन्फैक्ट किया जाएगा। पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए एक्स्ट्रा मैनपावर की जरूरत होगी।


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