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आम लोगों पर बड़ी मार : 2018 में 140 बार बढ़ा पेट्राल-डीजल का दाम

डाटा से पता चलता है हि 2018 में पेट्रोल की कीमत 140 गुना बढ़ी है, जबकि डीजल के मामले में कीमत 142 गुना बढ़ी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 07:57 PM (IST)
आम लोगों पर बड़ी मार : 2018 में 140 बार बढ़ा पेट्राल-डीजल का दाम
आम लोगों पर बड़ी मार : 2018 में 140 बार बढ़ा पेट्राल-डीजल का दाम

नई दिल्‍ली, जेएनएन। पेट्राल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों में देश के सभी तबके के लोगों को प्रभावित किया है। कीमतों में वृद्धि के कारणों में से एक यह भी है कि केंद्र और राज्य सरकारों की करों की दरों को कम नहीं करना चाहती हैं। इस बारे में पेट्रोल और डीजल की कराधान संरचना का विेश्‍लेषण किया गया।

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इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसीएल) की वेबसाइट और तीन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) से संकलित किए गए डाटा से पता चलता है हि 2018 में पेट्रोल की कीमत 140 गुना बढ़ी है, जबकि डीजल के मामले में कीमत 142 गुना बढ़ी है।

 Price of Petrol and diesel increased
ईंधन की कीमतों का विनियमन
2010 तक सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करती थी। पेट्रोल-डीजल की सब्सिडी वाले मूल्य की वजह से सरकार ओएमसी को किसी भी कमी के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए उपयोग करती थी। जून 2010 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने पेट्रोल की कीमतों को विनियमित करने का फैसला किया, जिससे भारतीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत और अन्य कारकों के आधार पर मूल्य निर्धारित किया गया।

एनडीए के सत्ता में आने के बाद अक्टूबर 2014 में डीजल की कीमतों को पूरी तरह से विनियमित किया गया था। जून 2017 तक हर महीने के पहले और 16 वें दिन ओएमसी ने जून 2017 तक ओएमसी हर पखवाड़े में (हर महीने के पहले और 16 वें दिन) कीमतों में संशोधन करता था। 16 जून 2017 से ओएमसी दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन कर रहा है।


2018 में पेट्रोल की कीमत 16% से अधिक की बढ़ोतरी
चार मेट्रो शहरों के लिए पेट्रोल के दैनिक मूल्य डाटा को आईओसीएल की वेबसाइट से इकट्ठा किया गया है, जिसमें ओएमसी में से सबसे बड़ा है। इन आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जनवरी से सितंबर 2018 के बीच चार मेट्रो शहरों में से प्रत्येक में पेट्रोल की कीमत कम से कम 12 रुपये बढ़ी है। चेन्नई में इन नौ महीने की अवधि के दौरान सबसे ज्यादा 14.27 रुपये की वृद्धि हुई है।

प्रतिशत के लिहाज से देखें तो चेन्नई में पिछले नौ महीने की अवधि के दौरान 19.67% की वृद्धि हुई, जो किसी भी मेट्रो शहर के लिए सबसे अधिक है। चार महानगरों में से प्रत्येक में पेट्रोल की कीमत में कम से कम 16% की वृद्धि देखी गई। इसी अवधि के दौरान कच्चे तेल (भारतीय बास्केट) की कीमत में लगभग 20% की वृद्धि हुई।

2018 में डीजल की कीमतों में 22% से अधिक की बढ़ोतरी
डीजल का दैनिक मूल्य डाटा चार मेट्रो शहरों के लिए आईओसीएल की वेबसाइट से इकट्ठा किया गया है, जो सभी ओएमसी में से सबसे बड़ा है। इन आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जनवरी से सितंबर 2018 के बीच चार मेट्रो शहरों में से प्रत्येक में डीजल की कीमत कम से कम 14 रुपये बढ़ी है। इस नौ महीने की अवधि के दौरान सबसे ज्‍यादा चेन्नई में 16.18 रुपये की वृद्धि हुई।


प्रतिशत के लिहाज से देखें तो चेन्नई में पिछले नौ महीने की अवधि के दौरान 25.72% की वृद्धि हुई, जो किसी भी मेट्रो शहर के लिए सबसे ज्‍यादा है। चार महानगरों में से प्रत्येक में डीजल की कीमत में कम से कम 22% की वृद्धि देखी गई, जबकि कच्चे तेल (भारतीय बास्केट) की कीमत में लगभग 20% की वृद्धि हुई। ओएमसी ने इस वर्ष पेट्रोल और डीजल की कीमत में कम से कम 140 बार बढ़ोतरी की।


आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में जनवरी और सितंबर के बीच दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 140 गुना बढ़ गई, जहां कोलकाता में 141 गुना वृद्धि हुई। वहीं दूसरी तरफ 2018 में, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में कीमतों में 132 गुना कम या उसी स्‍तर पर बनी हुई है। डीजल के मामले में कोलकाता में कीमतों में 143 गुना और अन्य महानगरों में 142 गुना बढ़ोतरी हुई।  


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