बिजली चोरी रोकने में सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब हर घर में लगेगा बिजली का स्मार्ट मीटर
तीन दिन पहले राज्यों के बिजली मंत्रियों के साथ बैठक में बिजली मंत्री आरके सिंह ने इस संबंध में सरकार की तैयारियों की जानकारी दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हर घर को बिजली देने के साथ ही सरकार ने अब हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना भी बनाई है। हर घर को बिजली देने की योजना सौभाग्या वैसे तो सरकार की तरफ से अप्रैल, 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन स्मार्ट मीटर देने का काम अप्रैल, 2021 तक पूरा किया जाएगा। यह योजना देश में बिजली चोरी रोकने में सबसे अहम कदम तो साबित होगी ही इसके अलावा इससे घरेलू स्तर पर स्मार्ट मीटर बनाने का एक बड़ा उद्योग स्थापित होगा।
राज्यों को दिया गया निर्देश, अपना अपना लक्ष्य तय करें
तीन दिन पहले राज्यों के बिजली मंत्रियों के साथ बैठक में बिजली मंत्री आरके सिंह ने इस संबंध में सरकार की तैयारियों की जानकारी दी और राज्यों को इसके लिए तैयार होने का निर्देश भी दिया। बिजली मंत्री ने हर राज्य को अपना प्लान व इसे हासिल करने का समयबद्ध कार्यक्त्रम बना कर पेश करे ताकि उसके मुताबिक केंद्र भी आवश्यक तैयारी करे।
राज्यों को यह भी कहा गया है कि वे एक निश्चित अवधि के बाद हर बिजली ग्राहक के लिए प्रीपे स्मार्ट मीटर को अनिवार्य बना दिया जाए। जल्द ही बिजली मंत्री की स्मार्ट मीटर बनाने वाली कंपनियों के साथ भी अलग से एक बैठक रखी जा रही है।
बिजली मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मोटे तौर पर कुछ वषरें के भीतर भारत में विभिन्न तरह के 20 करोड़ स्मार्ट मीटर की जरुरत होगी। हमारी कोशिश है कि इस मांग को भारत में ही पूरा किया जाए ताकि एक बड़ा औद्योगिक ढांचा स्थापित हो सके। ऐसा न हो कि भारत में मांग पैदा हो और इसका फायदा चीन की कंपनियां उठा ले।
सरकार की तरफ से आम ग्राहकों को आसानी से व कम कीमत पर स्मार्ट मीटर देने के लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इसमें एक है कि ग्राहकों को बिजली कनेक्शन के साथ स्मार्ट मीटर मिले और इसकी कीमत को बिजली की मासिक दर के साथ वसूल की जाए।
बिजली मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक हर घर को बिजली और हर घर को चौबीसों घंटे बिजली देने के बाद सरकार का सारा ध्यान स्मार्ट मीटर पर होगा क्योंकि इसके बगैर देश के बिजली ढांचे को सुचारू तौर पर चलाना मुश्किल होगा। इससे ग्राहकों को यह फायदा होगा कि उनके लिए बिजली की खपत का नियंत्रण आसान होगा और बिजली की बिल को लेकर ज्यादा पारदर्शिता होगी।
बिजली वितरण कंपनियों को फायदा यह होगा कि उन्हें बिजली बिल का एक बड़ा हिस्सा एडवांस में मिलेगा क्योंकि महीने की शुरुआत में अधिकांश ग्राहकों के लिए बिजली मीटर को रीचार्ज करना होगा। इसका सबसे बड़ा असर यह होगा कि देश में बिजली की चोरी और वितरण में होने वाला अन्य घाटा काफी हद तक रुख जाएगा। देश में अभी भी जितनी बिजली की आपूर्ति की जाती है उसका तकरीबन 24 फीसद इन वजहों से बर्बाद हो जाती है।